Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 4

गबरा..........रिवेश प्रताप सिंह

20 Jan 2018 3:47 PM GMT
तेरहवीं की उमर पार करने के बाद तालीमी मुआमले में जुनैद मियाँ उतना ही हासिल कर पाये जितना किसी सीसे के कंचे को सालोंसाल तेल के कटोरे में डुबाकर रखने के...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "नपुंसक"

20 Jan 2018 1:30 PM GMT
मृत्युशैया पर पड़े पड़े यमराज की प्रतीक्षा करते बृद्ध के मुह से अवचेतन में एक ही पंक्ति बार बार निकल रही थी- मैं नपुंसक नहीं था, मैं नपुंसक नहीं था... ...

गतांक से आगे...

30 Dec 2017 1:42 PM GMT
कविता कहानी, बाजीराव मस्तानी, प्रेम की दीवानी या झोंपड़ी पलानी, यह सब बाद में। पर जो हरामखोर अमिताभ बच्चन के नाम से आईडी बना कर इनबॉक्स में मैसेज करता...

2017 जा रिया है, 2018 आ रिया है। किसी का मियाज गनागन है, तो किसी का मन टनाटन है।

28 Dec 2017 4:16 PM GMT
एक ही चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों जीत का दावा कर रहे हैं, दोनों का मन प्रसन्न है। सचमुच में भाईचारा आ गया है। सरकार तीन तलाक पर बिल ला चुकी है,...

सुनो तिवराइन !

27 Dec 2017 6:55 AM GMT
ये मोहब्बत , ये दीवानगी गर समय और फासलों से तय होती तो ये मोहब्बत दिलों का करार नहीं बल्कि किसी मशहूर किराने की आचार होती ..., लोग इक्षानुसार...

"नाव"...................धनंजय तिवारी

26 Dec 2017 6:13 AM GMT
ऐ बेरी गांव में चनेसर बो इया के काम के बड़ा चर्चा बा। 30 तारीख के काम बा अउरी उनकर पाचो बेटा के जबान पर एके बात बा। इया के काम अयीसन होखे के चाही जईसन...

शास्त्रार्थ (खिस्सा)

25 Dec 2017 1:07 PM GMT
लाखों सेकेंड पूर्व की बात है, एक गाँव के चर्च में एक पादड़ी रहता था। पादड़ी को धर्म परिवर्तन कराने के लिए विदेश से बहुत पैसा मिलता था, सो वह खूब धर्म...

जाओ बेट्टा 2017 तुम भी जाओ.....

24 Dec 2017 6:23 AM GMT
जब तुम्हारे जैसे तीस से भी ज़्यादा "साले" मेरी ज़िन्दगी से गुज़र गए और मेरी किस्मत की बनावट और बुनावट को बदल नही पाये तो तुम कौन से बड़के तोप थे। ...

"तिरिया चरितर" "तिरिया चरित्रम्,पुरुषस्य भाग्यम्,दैवो न जानसि"

21 Dec 2017 6:51 AM GMT
पंडिताई एगो विशिष्ट ज्ञान ह या ना पर इ एगो मनोविज्ञान जरूर ह, इ सोच पंडित भोला नाथ हमेशा मानेले। काहे से कि उ कवनो गुरुकुल में त पंडिताई के शिक्षा ना...

"हूक कथा"

19 Dec 2017 1:13 PM GMT
दोपहर का समय है, दिसम्बर का महीना और दिल्ली की शीतलहरी। बाबा डोम कानवी इस भीषण शीत में भी धह-धह जल रहे हैं। क्रोध की आग से उनका सम्पूर्ण शरीर इस तरह...

पण्डित जी से कहो कि गाय हमको दे दें....रकम जो कहें

18 Dec 2017 1:04 PM GMT
एक छोटे से गांव में एक पंडित जी, सपरिवार रहते थे। पंडित जी के घर की व्यवस्था बड़ी चौचक थी मतलब घर, धन-धान्य से परिपूर्ण था। पण्डित जी बचपन से ही गौ...

जो चाहते हो दिलों पर हुकूमत करो....

13 Dec 2017 2:56 AM GMT
दिसंबर के महीने में जब भोर के छह बज रहे हों, रजाई नामक नायिका आँखों में लाज भरे कह रही हो - प्लीज़ अब तो छोड़ दीजिए न,लोग क्या कहेंगे!इधर तकिया सिर के...
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