Janta Ki Awaz
भोजपुरी कहानिया

सुनो तिवराइन !

सुनो तिवराइन !
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ये मोहब्बत , ये दीवानगी गर समय और फासलों से तय होती तो ये मोहब्बत दिलों का करार नहीं बल्कि किसी मशहूर किराने की आचार होती ..., लोग इक्षानुसार ,स्वादानुसार , औकातानुसार बड़ी श्रद्धा भाव से 25 ग्राम वाली ' मोहबतिया पाउच' को चटकारे लेकर ग्रहण करते एवं समपर्ण नामक तेल-मिर्च की कम ज्यादा मात्रा का निर्धारण भी बड़ी आसानी से हो जाता ।

देखो ये बात बात पर मुँह फुलाना सिन्हा जी वाली हालात पैदा कर सकती है...मने की हाथो तर से जाएगा और लातो तर से ।
न लालू जी का राज आएगा न भाजपाईया सब भाव देगा , मने की मुंगेरी लाल बो के हसीन सपनों का चिथड़ा उड़ सतरंगी के बजाए बिंरंगी हो जाएगा ।

अरे दिखाने को तो हम भी फलाने लोदी जैसा करतब दिखा 52 बीघा का पुदीना बो दें तुम्हारी खिदमत में पर हमारी फेंकने की सीमा बस 5 किलो है ..., हाँ पर हमारे इस 5 किलो का इरादा बाजपेयी जी के सड़क की तरह अटल एवं फौलादी है ।

हमको ई नहीं बुझाता है कि जब 'राजा' , राहुल , सोनिया जी जैसे साधु संत लोगो के निर्दोष साबित हो जाने के बाद भी जनता-जनार्दन 'हर घर गोदी' में कमी नहीं करती फिर तुम्हारा हार्दिक विश्वास पटेल कैसे हो जाता है हमारे प्रति ..?
हम पहले भी बताये रहे हैं कि केजरीवाल प्रजाति से हम सख्त नफरत करते हैं पर तुम हो कि बवाली बालम बनने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ती ।

अरे ए हो हमार करेजा के धुकनी बनना है तो अनुष्का बनो दीपिका नहीं बाकि हम विराट तो बन ही जायेंगे और हाँ बियाह तो हम अपने बिहार में ही करेंगे ...उ का है न कि जिंदगी की दूसरी पारी की शुरुआत तो हम अपनो के साथ , अपनो के बीच ही करेंगे ।
समझ रही हो न ..?

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संदीप तिवारी 'अनगढ़'
"आरा"
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