Janta Ki Awaz
भोजपुरी कहानिया

जाओ बेट्टा 2017 तुम भी जाओ.....

जाओ बेट्टा 2017 तुम भी जाओ.....
X
जब तुम्हारे जैसे तीस से भी ज़्यादा "साले" मेरी ज़िन्दगी से गुज़र गए और मेरी किस्मत की बनावट और बुनावट को बदल नही पाये तो तुम कौन से बड़के तोप थे।
(पाठकों! साले शब्द को आप लोग गाली न समझियेगा। ये साल शब्द का बहुवचन है। )
दुखी करने में तुम भी अपने पूर्ववर्ती भाइयों की तरह ही चुस्त और चौकन्ने रहे हो फिर भी तुमसे कोई शिकायत नही है क्योंकि तुम्हारी हद दर्जे की हरामखोरियों के बावज़ूद आज भी उतना ही निर्मल और नॉर्मल हूँ जब तुम मुझसे पहली बार मिले थे। और सेवेंथ पे कमीशन भी तो तुम्ही दिलवाये थे।

हर साल वही नौटँकी, उसी तामझाम वही धूमधड़ाके के साथ तुम सब आते हो, कुहरे की चूनर ओढ़ के किसी अवगुंठित नवोढ़ा कनिया की तरह और 12 महीने तक साथ रह के ज़िन्दगी में धनिया बो के निकल लेते हो।

वैसे सच्ची बोल रहे है तुम लोगों के आने के 10 दिन पहले से ही (और 10 दिन बाद तक भी) इतने सारे लोग विश करते है कि हम इस उम्मीद से हो जाते है कि शायद ये साल पहले वाले से कम दर्दनाक, कम खौफनाक और कम शर्मनाक होगा। पर ससुरों! तुम लोगों की कन्सिस्टेंसी को सलाम करता हूँ। क्वांटम ऑफ़ पेन में किसी भी साल क्या मज़ाल कि रत्ती भर कमी आ जाए।
भाई 2017! एक दर्जन महीने तक मेरा शारीरिक उत्पीड़न, मानसिक शोषण और आर्थिक दोहन करने के लिए और 365 दिन तक लगातार ठगते रहने के लिए आपका ऋणी रहूँगा।
और जब जा ही रहे हो तो ज़रा 2018 वाले भैया को बोल जाना कि वो ज़रा तमीज़ और कायदे से रहेंगे और इस लड़कवा को चैन से जीने दें।
खैर लोहा ही लोहे को काटता है। तो उसी तर्ज़ पर तुम्हारी कड़वी यादों की कड़वाहट को किसी कड़वे पेय से ही मिटाने की कोशिश करूँगा।
और सुनो, तुम्हारे द्वारा दिए गए दर्द में कोई कसर न रह जाए इसीलिए कल रात "उन्होंने" भी बड़ी नम्रता से मेरे प्रस्ताव पर लात मार दी।लो ज़रा पढ़ो उनका मैसेज़----

"मैं तुम्हारी भावनाओं की करती हूँ कदर।
बट टू पैरेलल लाइन्स नेवर इंटरसेक्ट इच-अदर।"

2017 जी! कसम से ये पढ़ के दिल बाइसेक्ट हो कर रह गया। पर जाने दो तुमने उम्मीद के मुताबिक मुझे साल भर नाउम्मीद किया है। आज जब तुम्हारा लेखा-जोखा करने बैठा हूँ तो इतना उदास-हताश-निराश और बदहवास हूँ कि नए साल का कोई भी विश किसी विष की तरह ही लग रहा है।


नीरज मिश्रा
गोपालगंज बिहार
Next Story
Share it