Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 3

प्रेम में सफलता के श्रीमुख सूत्र

20 Jan 2018 8:46 AM GMT
यूँ तो प्रेम इस जगत का सबसे पवित्र कार्य है, पर किसी का प्रेम प्राप्त कर पाना अत्यंत कठिन कार्य भी है। पर यदि पूरी लगन और निष्ठा के साथ कठिन परिश्रम...

प्रेम का रंग पीत.........

20 Jan 2018 8:26 AM GMT
खेतों में फूली सरसो देख कर किसान का सीना अगर 56 इंच का हो जाता है, तो नवदीक्षित प्रेमी, प्रणयोत्सुक नवयुवकों (देहाती में कहें तो लबलबाह तह-बादर परेमी)...

चश्मे का लेंस : व्यास तिवारी

20 Jan 2018 7:22 AM GMT
बद्री पांडे अपने कंकाल होते शरीर को देख रहे कितना अच्छा था बचपन जब इलाके के नामी पहलवान में गिनती होती थी पिताजी के आंख के तारे थे अम्मा भी सबसे...

भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गीत "रात दिया बुता के पिया क्या-क्या किया" की व्याख्या

19 Jan 2018 12:11 PM GMT
प्रश्न - भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गीत "रात दिया बुता के पिया क्या-क्या किया" की सप्रसंग व्याख्या करें। - (10 अंक) उत्तर - प्रस्तुत वैवाहिक गीत...

बुद्धू - एक प्रेम कहानी

15 Jan 2018 5:05 AM GMT
"रचित बाबू छुट्टी हो चुकी है, घर नहीं जाना है क्या?", मेरे एक साथी कर्मचारी ने हल्की मुस्कान के साथ मुझे नींद से जगाया। "अरे नहीं सर, वो थोड़ी आँख लग...

भोजपुरी मनोरंजन को साफ सुथरा बनाने की मुहिम में "भोर" लघु फिल्म को मिला दर्शकों का साथ

5 Jan 2018 5:30 AM GMT
वर्तमान दौर में भरतीय फि‍ल्म जगत में व्यावसायि‍क फि‍ल्मों का बोलबाला है। ऐसे में 'कि‍सान आत्महत्या' जैसी लीक से अलग कि‍सी वि‍षय पर कोई फि‍ल्मा बनाना,...

फट्ट जनौरी स्पेशल : ई मन चंचल ई मन चोर......

1 Jan 2018 1:20 AM GMT
गज़ब हाल है ए संघतिया, मने ई फट्ट जनौरी का रंग भी अलग अलग लोगन के लिए अलग अलग ही होता है। अब देखिये न, सुबह सुबह आलोक पाण्डेय बाबाजी घर के पिछवारे...

तकिया : रिवेश प्रताप सिंह

30 Dec 2017 2:06 PM GMT
लोग कहते हैं कि व्यक्ति को सिर उठाकर जीना चाहिए। अजी! मैं तो कहता हूँ सिर उठाकर जीना ही क्यों ! सिर उठाकर सोना भी चाहिए। जी हाँ! 'तकिया' लगातार सोना...

"शंकर कोच"

15 Dec 2017 6:34 AM GMT
"बाबा आज इ शंकर कोच के का खिस्सा ह?" मिंटुआ फतिंगन बाबा से पूछलस। "आजू तहके शंकर कोच कहाँ से इयाद पड़ गईल ह" बाबा कहनी।"अक्सरहा लोग के...

"भारतीय भाई पार्टी(BBP)"

14 Dec 2017 2:48 AM GMT
आप लोग सोचेगे की ये कौन सी पार्टी आ गयी। किसी ने नाम भी नहीं सुना होगा और सुनेंगे भी कैसे - जब ये पार्टी है ही नहीं। ये ताजा ताजा विचार मेरे मन में...

चून्नू बाबू................. रिवेश प्रताप सिंह

13 Dec 2017 10:14 AM GMT
तिवारी जी दलान को लांघ कर लाठी पटकते गरिआते, बखरी में दाखिल हुए तो सब मेहरारू आपन काम-धाम छोड़कर टप्प से खड़ी हो गयी। कहाईन तो सील-बट्टा छोड़कर भागी।...

एक कहानी सीधे मोतीझील से......... "देवी"

13 Dec 2017 7:57 AM GMT
दिन के डेढ़ बज के पौने तीन मिनट हो रहे हैं पर अबतक आलोक पाण्डेय के मुह में एक बून्द पानी भी नही गया है।सुबह से एक भी अलमारी नही बची जिसमे रखी सभी...
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