Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 4

ललका गुलाब......

7 Feb 2020 2:24 AM GMT
गोबर उठाते हुए परभुनाथ चचा ने चाची से पूछा है कि आज कौन सा दिन है हो? घर के काम काज में अंझुराई चाची अंगुरी पर दिन का हिसाब बैठाती हैं।जहिया...

"रोज डे का रोज"

7 Feb 2020 1:33 AM GMT
भले हीं प्रेम के सारे ज्ञानपीठ और पद्म पुरस्कार चमचई की तराजू पर तौल कर हीर-राँझा, लैला-मजनू या सिंरी-फरहाद को दे दिए जांय,पर आरा में बहने वाली हवाएँ...

सुनो दो अक्षरों वाली...

4 Feb 2020 6:13 AM GMT
सूरज कई दिनों के बाद निकला है आज, ठीक वैसे ही जैसे हमें बहुत पसंद है। इसीलिए हम सरयू के घाट पर निकल आए हैं अकेले। क्योंकि यही वो जगह है जो हम दोनों को...

श्रृंगार की पंखुड़ियाँ...!

30 Jan 2020 7:17 AM GMT
ऐ पँड़ाइन , सुनो न!लेखन की दुनिया के सभी कलमकारों की कलम "प्रेम" लिखने लगी है...., बताओ न ! बसन्त आ रहा है क्या? तुमको ज्ञात है ? ई बसन्त और सावन हमारे...

गांव का प्रेम और जवानी का जोम

29 Jan 2020 3:04 AM GMT
कहते हैं गांव का प्रेम और जवानी का जोम बड़ी बेखबर चीज होती है...ठीक वैसे ही जैसे बसंती बहार... जैसे गंगा माई का कछार और जैसे चंदन और प्रीति जी का...

हृदय फागुन चढ़ने के पखवाड़े भर पहले से ही महकने लगता ....

28 Jan 2020 1:08 PM GMT
यूँ तो हम भी कोई बहुत पुरानी चीज नहीं हुए, पर वे दिन जरूर पुराने थे जब किसी के मुस्कुराने का मतलब 'इश्क' हुआ करता था। वे ऐसे जल्दबाज दिन थे कि आम में...

जनवरी उन लड़कियों के हिस्से में पड़ती है....

27 Jan 2020 3:01 PM GMT
पिछले ज़माने में जनवरी लड़कियों के हिस्से में पड़ती थी।खास तौर से उन लड़कियों के हिस्से में, जिनका कहीं कोई हिस्सा नहीं होता था...। हाँ! जनवरी उन...

प्ररेणा.... : आशीष त्रिपाठी

21 Jan 2020 7:27 AM GMT
वो भी बारहवीं में थी लेकिन दूसरे कॉलेज में । उसकी गली से गुजरते हुए दिल की धड़कनें जब असामान्य होने लगीं तो यकीन हो गया कि इश्क की साजिश कामयाब हो रही...

तुहके पुतरी में राखी लें परान के तरे...

21 Jan 2020 6:57 AM GMT
दीवारों से न सिर्फ प्लास्टर उखड़ चुके थे अपितु ईंटों के मध्य संधि स्थापित कराने वाले सीमेंट और रेत भी धीरे - धीरे विदा हो चले थे । ईंटें फिर भी बिना...

(कहानी) बड़बोला.........: आशीष त्रिपाठी

19 Jan 2020 1:05 PM GMT
-"ये भैंस है ? एक खाँची खाती होगी और चार खाँची पोंक देती होगी । दूध तो देने से रही , खाली गोबर देने के काम आवेगी ये "....खूबलाल ने नई नवेली भैंस के...

(कहानी) रिश्ता... : आशीष त्रिपाठी

18 Jan 2020 5:14 PM GMT
राकेश की माता सुशीला जी की गायत्री देवी से पहली मुलाकात हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर हुई थी । दर्शन के पश्चात उतरते हुए उन्होंने एक सिक्का गायत्री देवी...

(कहानी) मंहगी प्रसिद्धि... : अमन पाण्डेय

18 Jan 2020 9:01 AM GMT
नए- नए सुखद एहसास पुराने घाव को भी भरने का प्रयास करतें हैं..., लेकिन फागुन के मारे को वसन्त कितना तृप्त कर सकता है ? अब तो मन और आत्मा को भी सन्धियाँ...
Share it