Breaking News- आने वाले समय में यूपी के होटलों का किराया कम होने जा रहा है। यूपी सरकार प्रॉपर्टी टैक्स कम करने की तैयारी कर रही है। इससे जुड़ा प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में आ सकता है।
- राजधानी लखनऊ में खराब मौसम और मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिसे देखते हुए डीएम सूर्यपाल गंगवार ने सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.
- सुरजेवाला ने कैथल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा और जेजेपी राक्षसों की पार्टियां हैं. जो लोग भाजपा को वोट देते हैं और उनका समर्थन करते हैं वे भी राक्षस प्रवृत्ति के हैं. उन्होंने कहा, आज, महाभारत की इस भूमि पर, मैं उन्हें (बीजेपी-जेजेपी) को श्राप देता हूं.
- ज्ञानवापी में जारी रहेगा ASI सर्वे, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला --हाईकोर्ट के इस फैसले का सभी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे . जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी. दोनों तरफ से दलील पेश की गईं. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपने फैसलों को रिजर्व कर लिया था.
- लखनऊ: समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कई नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन, पूर्व मंत्री राजपाल सैनी, साहब सिंह सैनी, पूर्व सांसद अंशुल वर्मा के अलावा बड़ी तादाद में नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। सपा नेता जगदीश सोनकर, सुषमा पटेल भी हुईं बीजेपी में शामिल।
- शाहजहांपुर, । सपा नेता व पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा की दुकानों के सामने गुरुवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर अतिक्रमण हटवाया। इस कार्रवाई के दौरान पूर्व विधायक की पुलिस से नोकझोंक भी हुई।
- वाराणसीः पिशाच मोचन के पास रमाकांत कालोनी में नगर निगम की ओर से स्थापित स्ट्रीट लाइट हेरिटेज पोल में करंट उतर गया। इसकी चपेट में आने से ट्राली चालक दो सगे भाइयों छोटू साहनी व अनिल साहनी की मौत हो गई। दोनों स्ट्रीट लाइट पोल के पास ट्राली लगा कर सोए हुए थे।
- केंद्र सरकार आगामी मॉनसून सत्र में समान नागरिक संहिता का बिल संसद में पेश कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र में समान नागरिकसंहिता बिल लाने की तैयारी कर ली है. समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है.
- यूपी एसटीएफ ने किया अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर, उमेश पाल मर्डर केस में था वॉन्टेड
- निकाय चुनाव के लिए बनी ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को आज हाइकोर्ट की पीठ के सामने प्रस्तुत किया गया। हाइकोर्ट ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को चार दिन में वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश देते हुए दाखिल याचिका को निस्तारित कर दिया।