Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 42

घायल की गति घायल जाने ...

14 Jun 2017 9:20 AM GMT
सुबह सुबह का वक्त कोई ऑटो वाला दिख ही नही रहा । शुभि जानती है कि भूतनाथ तक टहलकर पहुँच गयी तो कोई ऑटो जरूर दिख जायेगा , लेकिन समयाभाव है कोई रिक्शा ही...

मुरदहिया तिवारी !....नरेंद्र पाण्डेय

14 Jun 2017 7:56 AM GMT
अभी लगभग तीन महीने पहले ही तो मुरदहिया तिवारी को खुशी भरी तकलीफ हुई थी। खुशी इस बात की कि सामने बैठे उनके क्रांति वीर आलोक जिन्दगी को ठेंगा दिखाते...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "सोगडाली"

13 Jun 2017 12:35 PM GMT
रै भतारकाटी, मारेब एक्के ठूसा से तोर नकलोल फुट जाइ...मैं उछल पड़ा हूँ, युगों बाद यह गाली सुनी है। मेरे गांव में अब ऐसी गालियां सुनने को नहीं मिलती,...

"जेकर काम, ओही के भावे, दूजा करे त लंका ढावे"

13 Jun 2017 7:08 AM GMT
"बाबा एकर मतलब का होला?" गुड्डूआ फतींगन बाबा से पूछलस. शाम के लईका कुल बाबा के घेरले रहल सन."बाबू हम तहके एकर अर्थ समझावे से पाहिले एगो किस्सा...

जब साला पीट गया.... हम इश्क क्या करेंगे

13 Jun 2017 6:26 AM GMT
परमप्रतापी साली भक्त , पीठकुँचवईया , मुँहथुरवईया , गोड़तुरवईया श्री श्री एक करोड़ साढे पौने लाख पौने अढाई हजार एक सौ आठ पंकज यादव अपने घर पर बलिया के...

लघु हास्य कहानी ("टाईम पास")

11 Jun 2017 10:29 AM GMT
-"हैलो"अपने अभी तक जीये जिंदगी में पहली बार मोबाईल पर किसी महिला की आवाज सुनकर अमरेंद्र कुमार सिंह के दिल का लाईट जल गया ।और अपने प्रारब्ध में किये...

मंदसौर और राकेशवा के दिल की बात....!! ~हिमांशु सिंह

11 Jun 2017 5:46 AM GMT
अब बात मंदसौर की जाये या राकेशवा के दिल की क्योंकि जल तो दोनों ही बहुत रहे है , राकेशवा दो दिन से कोई बात नही किया चिंकी से पर इंतज़ार कर रहा है , कि...

" भदयवा आम.".............धनंजय तिवारी

11 Jun 2017 3:37 AM GMT
वैसे से त हमरा गाव में हर तरह के आम के फेड रहल सन पर दुगो भदयवा आम के पेड़ एकदम अलग और विशेष रहल सन. अलग ए वजह से की गाव के बारी में ना होके शिवजी के...

"किसान का कोई सगा नहीं"

10 Jun 2017 2:48 PM GMT
पता नहीं वह कौन सा मुहूर्त था, जब दिल्ली की गद्दी पर बैठे किसी छोटी देह पर बड़े दिलवाले शासक ने कहा था- "जय जवान जय किसान", पर बाद के शासकों की देह बड़ी...

जवार की पहिली साइकिल

10 Jun 2017 7:32 AM GMT
पचहत्तर बरिस के बैजू साहू इलाके के नामवर सेठ हैं। घर में सुख- सुविधा में से रत्तीभर कमीं नहीं है। बड़की कोठी, दू ठो चार चक्का.. गांव में कहीं...

अन्नपूर्णा यादव की किसानों पर कविता : हम किसान हैं

10 Jun 2017 2:27 AM GMT
हम किसान हैं चीरकर धरती का सीना दाने हम उगाते हैं फसल खिले तो खिल जाते हैं फसल के साथ ही मुरझाते हैं भूखे पेट हमारे हैं...

"खटमल के खून का ख़त"

9 Jun 2017 1:25 PM GMT
थर्ड डिवीजन की भी योग्यता न रखने वाली फलाना कुमारी बिहार टॉपर बनने के बाद इतनी खुश नही हुई होगी जितने खुश आज अरविंद सिंह हैं। अंग अंग से खुशी इस तरह...
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