भारतीय नौसेना को मिलेंगी 9 नई पनडुब्बियां, समुद्री सीमाओं की सुरक्षा होगी और मजबूत

Update: 2025-09-03 04:53 GMT

भारत लगातार अपनी रक्षा तैयारियों को आधुनिक तकनीक से लैस कर रहा है। अब भारतीय नौसेना के बेड़े में 9 नई अत्याधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों को शामिल करने की तैयारी है।सूत्रों के अनुसार, इन पनडुब्बियों की लागत को लेकर फिलहाल बातचीत चल रही है। अंतिम फैसला होने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

कहाँ बनेगीं?

इन पनडुब्बियों का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में किया जाएगा। यह कदम न केवल नौसेना को मजबूती देगा, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी गति प्रदान करेगा।

संभावित खूबियाँ

एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम – इससे पनडुब्बी लंबे समय तक पानी के भीतर रह सकेगी।

स्टेल्थ टेक्नोलॉजी – दुश्मन की रडार पकड़ से बचने में मदद करेगी।

उन्नत हथियार प्रणाली – टॉरपीडो, एंटी-शिप और क्रूज मिसाइलों से लैस होने की संभावना।

लंबी रेंज और ऑटोनॉमी – भारतीय समुद्री सीमाओं से परे भी निगरानी और ऑपरेशन करने की क्षमता।

रणनीतिक महत्व

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती गतिविधियों और पड़ोसी देशों में उसकी उपस्थिति भारत के लिए चुनौती बन चुकी है।

नई पनडुब्बियों के आने से भारत की समुद्री निगरानी क्षमता और मजबूत होगी। किसी भी संकट या युद्ध की स्थिति में प्रभावी जवाबी कार्रवाई संभव होगी। भारत का ब्लू वॉटर नेवी बनने का लक्ष्य और करीब आएगा।

यह परियोजना भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक होगी और आने वाले वर्षों में नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देगी।

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