शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य होगा वंदे मातरम्... UP सीएम योगी आदित्यनाथ का आदेश

Update: 2025-11-10 07:31 GMT


“मुख्यमंत्री बोले — कोई धर्म संस्कृति, मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं, शिक्षा के माध्यम से बच्चों में जागेगी देशभक्ति की भावना”

रिपोर्ट : विजय तिवारी

गोरखपुर / लखनऊ :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर में एक ऐतिहासिक घोषणा की, जिसने पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों — चाहे वे सरकारी हों, सहायता प्राप्त हों या निजी — अब प्रतिदिन राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का गायन अनिवार्य रूप से करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “कोई भी मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। भारत की पहचान उसकी संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रभक्ति की भावना में है। विद्यार्थियों में देशप्रेम की भावना जगाना हम सबका कर्तव्य है।”

योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के एक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है — जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जब बच्चे हर दिन यह गीत गाएंगे, तो उनमें राष्ट्र के प्रति गौरव और एकता की भावना स्वतः विकसित होगी।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग इस निर्णय को लागू करने के लिए आवश्यक अधिसूचना जल्द जारी करे। यह व्यवस्था प्राथमिक विद्यालयों से लेकर इंटर कॉलेजों तक सभी शैक्षणिक संस्थानों में लागू होगी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रार्थना सभा के दौरान ‘वंदे मातरम्’ का गायन अनिवार्य किया जाएगा और शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि हर छात्र इसमें सहभागी बने।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान दोनों ही भारत की अस्मिता के प्रतीक हैं। इनका सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। जो व्यक्ति राष्ट्र के प्रतीकों का आदर नहीं करता, उसे अपने कर्तव्यों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।”

इस घोषणा को राज्यभर में व्यापक समर्थन मिला है। भाजपा कार्यकर्ताओं और कई शिक्षाविदों ने इसे “राष्ट्र चेतना को सशक्त करने वाला कदम” बताया है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल विद्यार्थियों में न केवल देशभक्ति, बल्कि अनुशासन और एकजुटता की भावना को भी प्रबल करेगी।

वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम्’ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक रहा है, और इसे विद्यालयों में नियमित रूप से गाने से आने वाली पीढ़ी अपने देश के इतिहास और त्याग को बेहतर ढंग से समझ सकेगी।

इस निर्णय से स्पष्ट है कि योगी सरकार शिक्षा के माध्यम से संविधान, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रही है।

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