भारतीय राजनीति में देवेंद्र फडणवीस का उदय दृढ़ता, अनुशासन और गहन राजनीतिक समझ का एक उदाहरण है। एक राजनीतिक रूप से सक्रिय परिवार में जन्मे फडणवीस के पिता गंगाधरराव फडणवीस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी थे। लेकिन अपने पिता की छाया में रहने के बजाय, देवेंद्र ने अपनी यात्रा जमीनी स्तर से शुरू की। उन्होंने भाजपा की शाखाओं और छात्र आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से अपना राजनीतिक आधार तैयार किया।
आपातकाल के दौरान लिया महत्वपूर्ण निर्णय
देवेंद्र फडणवीस के राजनीतिक रुझान का प्रारंभिक प्रमाण आपातकाल के समय सामने आया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध करते हुए, उन्होंने इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल छोड़कर सरस्वती विद्यालय में अपनी शिक्षा पूरी करने का निर्णय लिया। यह निर्णय न केवल उनकी सोच को दर्शाता है बल्कि उनके मूल्यों और स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।
एक अनुशासित छात्र और स्वाभाविक नेता
फडणवीस के सहपाठी उन्हें एक अनुशासित और मिलनसार व्यक्ति के रूप में याद करते हैं। उनके बचपन के दोस्त निखिल मुंडले ने कहा, "वह कभी नियम नहीं तोड़ते थे और अलग-अलग लोगों से जुड़ने की अद्वितीय क्षमता रखते थे।" रवलीन खुराना, एक उद्यमी और उनके कॉलेज के साथी, ने एक बहस प्रतियोगिता का किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया, “फडणवीस मेरे विपक्ष में थे, लेकिन मैंने उनसे अपने भाषण के लिए कुछ सुझाव मांगे। उन्होंने कुछ बिंदु सुझाए, और मैं उन्हीं से बहस जीत गई।”
प्रारंभिक राजनीतिक करियर और प्रशासन के सबक
22 वर्ष की आयु में, देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर नगर निगम में पार्षद के रूप में प्रवेश किया। यहाँ उन्होंने सार्वजनिक मुद्दों को हल करने और नौकरशाही चुनौतियों का सामना करने का पहला अनुभव प्राप्त किया। 27 वर्ष की उम्र में, 1997 में, वे नागपुर के सबसे युवा मेयर बने, जो उनकी नेतृत्व क्षमता का स्पष्ट प्रमाण था।
कैलाश धर द्विवेदी की लेखनी में उनकी यात्रा :
कैलाश धर द्विवेदी, जो भारतीय राजनीति पर गहन अंतर्दृष्टि रखते हैं, ने देवेंद्र फडणवीस के जीवन की इस प्रेरक यात्रा को सरल लेकिन प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया है। यह लेख न केवल फडणवीस के नेतृत्व की कहानी कहता है, बल्कि उनके संघर्ष और मूल्यों को भी सामने लाता है, जो हर युवा नेता के लिए एक प्रेरणा हैं।
फडणवीस की कहानी हमें यह सिखाती है कि अनुशासन, दूरदृष्टि और आत्म-निर्णय के साथ, कोई भी व्यक्ति सफलता के शिखर तक पहुंच सकता है।