मायावती ने रविवार को सहारनपुर रैली से यूपी में चुनावी अभियान का आगाज किया तो सियासी पंडित हैरान रह गए. वजह थी बहुजन समाज पार्टी और इसके समर्थकों की सोशल मीडिया पर जबरदस्त सक्रियता. हैरानी इसलिए कि जिस पार्टी ने कभी यह कहकर सोशल मीडिया के जरिये प्रचार करने से इनकार कर दिया था कि वो जमीन से जुड़ी पार्टी है और उसे जमीन पर रहकर ही काम करना है, दूसरी पार्टियों की तरह हल्ला मचाकर नहीं. लेकिन सहारनपुर रैली के वक्त सिर्फ बीएसपी और उसके समर्थक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे बल्कि उनकी यह रणनीति कामयाब भी रही. मायावती की रैली के वक्त #MayawatiNextUPCM ट्विटर पर ट्रेंडिंग टॉपिक रहा.
यूपी की सत्ता में वापसी के लिए एड़ी-चोट का जोर लगा रही बहुजन समाज पार्टी को शायद यह अहसास हो गया कि आज के दौर में अधिक से अधिक लोगों खासकर युवाओं से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
बीएसपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बाकायदा ट्विटर हैंडल @BspUp2017 भी बनाया है. मायावती की रैली के दौरान इस ट्विटर हैंडल के जरिये #MayawatiNextUPCM और #ChaloSaharanpur ट्रेंड कराए गए. रैली का लाइव टेलीकास्ट लिंक मुहैया कराया गया. यह सुनिश्चित किया गया कि बीएसपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल किए गए जाने वाले ट्वीट पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक री-ट्वीट करें.
सोशल मीडिया पर एक्टिव हुए कार्यकर्ता
नई पीढ़ी के लिए बीएसपी की नई रणनीति का असर भी दिखा. #MayawatiNextUPCM भारत में ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक रहा जबकि दुनिया में छठे स्थान पर रहा. चूंकि पार्टी की तरफ से इस तरह का यह पहला प्रयोग था, इसलिए लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान कुछ तकनीकी दिक्कतें भी आईं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि चूंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने को कहा गया है और लोगों से 24x7 जुड़े रहने के लिए यह बेस्ट तरीका है. आज कल अधिकतर युवाओं के पास स्मार्टफोन हैं और ये सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर सक्रियता की वजह से पार्टी को ज्यादा से ज्यादा वोट जुटाने में मदद मिलेगी.
यूपी चुनाव के लिए खासतौर बनाए गए ट्विटर हैंडल @BspUp2017 के अलावा पार्टी का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @BSP4India भी है. इनके अलावा फेसबुक पर BSP4BHARAT, Bspindia नाम से पेज और यू-ट्यूब पर BSP4India नाम से अकाउंट भी है. इनके अलावा बीएसपी की विचारधारा को समर्थन देने वाले समूह का भी ट्विटर पर @AmbedkarCaravan, @DalitRising नाम से हैंडल हैं.
कांग्रेस का प्रचार पीके के सहारे
बीएसपी के अलावा अधिकतर दूसरे दल सोशल मीडिया के जरिये वोटरों तक पहुंचने की रणनीति अपना रहे हैं. चाहे वो बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर समाजवादी पार्टी, इन सभी दलों के फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं. 27 साल से यूपी की सत्ता से दूर कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार के लिए इस बार प्रशांत किशोर कर सहारा लिया है. पीके के तौर पर मशहूर प्रशांत इससे पहले नीतीश कुमार के लिए और लोकसभा चुनाव में मोदी के लिए कैम्पेनिंग की थी. महीने भर की यूपी यात्रा पर निकले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की हर सभा, हर कार्यक्रम की जानकारी सोशल मीडिया के जरिये जनता को दी जा रही है.
दो साल पहले बीजेपी ने किया था आगाज
जहां तक सोशल मीडिया के जरिये चुनाव प्रचार का सवाल है तो बीजेपी इस रणनीति में सभी दलों से आगे दिखती है. दो साल पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और मोदी के लिए सोशल मीडिया के जरिये हुए प्रचार का नजारा पूरी दुनिया ने देखा था.