इटावा - पिछले वर्ष की भांति सैफई महोत्सव इस वर्ष भी नहीं मनाया जाएगा। माना जा रहा है कि समाजवादी परिवार में रार के चलते इस महोत्सव को टाल दिया गया है। हर वर्ष 26 दिसंबर से शुरू होने वाले इस सांस्कृतिक महोत्सव के न होने से स्थानीय लोग भी काफी निराश हैं। हालांकि बीते दिनों सैफई महोत्सव कमेटी ने इस आयोजन के लिए मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया था लेकिन दोनों इस महोत्सव के प्रति उदासीन हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव की स्मृति में सैफई महोत्सव का आयोजन किया जाता था। इसकी शुरुआत 1996 में रणवीर सिंह यादव ने की थी।
चौथा मौका जब महोत्सव नहीं होगा
पहले यह मेला ब्लाक प्रांगण में छोटे से रूप में लगाया जाता था। धीरे-धीरे इसने विस्तार ले लिया। वर्ष 2002 में मेला संस्थापक रणवीर सिंह यादव का निधन हो गया। वर्ष 2003 में मुलायम के नेतृत्व में प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो मेले का नामकरण रणवीर सिंह के नाम पर ही कर दिया गया। मुलायम ने सैफई के मेले को भव्यता प्रदान करते हुए ब्लाक स्तर पर एक भव्य पांडाल का निर्माण कराया। उसके बाद सैफई महोत्सव ख्याति के नए सोपान चढ़ता चला गया। यह चौथा मौका है, जब महोत्सव नहीं होगा। इससे पहले वर्ष 2007 व वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इसको रद किया गया था और 2016 में मुलायम परिवार में खींचतान का ग्रहण लगा था। इस वर्ष सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा रुचि न लिये जाने के कारण इसे नहीं कराया जा रहा है। हालांकि सैफई गांव में 23 दिसंबर से इंडियन ग्रामीण क्रिकेट लीग का शुभारंभ करने स्वयं अखिलेश यादव आ रहे हैं।
ग्रामीण क्रिकेट लीग का आयोजन होगा
बीते दिनों सैफई आए अखिलेश यादव ने सैफई महोत्सव के बारे में पत्रकारों को बताया था कि सीवर लाइन की खोदाई के कारण इस वर्ष सैफई महोत्सव नहीं होगा। उसकी जगह खेल को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्रिकेट लीग का आयोजन कराएंगे और युवाओं को उससे जोड़ा जाएगा। सैफई महोत्सव समिति के कार्यकारी प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता का कहना है कि महोत्सव कमेटी ने महोत्सव कराने का फैसला मुलायम सिंह व अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सूबे में सपा की करारी हार व पारिवारिक रार ही महोत्सव न होने का मुख्य कारण है।