'विपक्षियों की साजिशों से सतर्क रहकर जवाब दें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता'

Update: 2016-08-11 08:29 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था समेत अनेक मुद्दों को लेकर विपक्ष के आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने कार्यकर्ताओं को 'साजिशों' से आगाह करते हुए विरोधी दलों के झूठे प्रचार का जवाब देने का आहवान किया है.

एसपी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई पार्टी की राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक में बीजेपी-कांग्रेस की साजिशों से समाजवादी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने और विपक्षियों के झूठे प्रचार का जवाब देने का आहवान किया गया.

बैठक में मुख्यमंत्री को समाजवादी सरकार के जरिए किये गये विकास कार्यो के लिए बधाई देते हुए उपलब्धियों का प्रचार जनसंपर्क, जनसंवाद और बैठकों-सम्मेलनों के जरिए करने के लिए कहा गया.

अखिलेश ने बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी-बीएसपी और कांग्रेस जैसे दल समाजवादी सरकार के विरुद्घ अनर्गल बयानबाजी कर जनता को गुमराह करने में लगे हैं. इनकी कोशिश राजनीति को विपरीत दिशा में ले जाने की है.

उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक और जातिवादी ताकतें राजनीति की शुचिता तथा इसके मूल्यों को बर्बाद करने पर तुली है. सांप्रदायिकता के विरुद्घ हमें चेतना जगाने का काम करना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के बारे में झूठा प्रचार किया जा रहा है. समाजवादी सरकार का संकल्प है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही किया जायेगा. विकास और सामाजिक सद्भाव को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करेगी.

अखिलेश ने कहा कि विपक्ष को कड़ा जवाब देते हुए 2017 में समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनाने का संकल्प पूरा करने में सबको जुट जाना चाहिए. चौधरी ने बताया कि बैठक में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के दो और स्नातक क्षेत्रों के लिए तीन प्रत्याशियों के चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अधिकृत किया गया.

उन्होंने बताया कि बैठक में कहा गया कि बाढ़ से नुकसान का आकलन कर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा राहत कार्यो में मदद करने में जुट जाना चाहिए.

चौधरी ने बताया कि बैठक में आगामी एक सितम्बर से सात सितम्बर के बीच विधानसभा स्तर पर बूथ कमेटियों के सदस्यों का एक-एक दिन का सम्मेलन हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया.

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, कैबिनेट मंत्री अहमद हसन, बलराम यादव, अवधेश प्रसाद, अरविन्द सिंह गोप आदि उपस्थित थे.

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