गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 3 दिन में 36 बच्चों की मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में बच्चों की मौत का जिम्मेदार किसे माना जाए यह बड़ा सवाल है. MD पीडियाट्रिक और 100 बेड के प्रभारी डॉक्टर कफील खान के ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं. उनके भी खिलाफ जांच की बात सामने आ रही है.
चाहे बच्चों का इलाज कराने के लिए आए उनके परिजन हो या फिर उनकी गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर सभी MD पीडियाट्रिक और 100 वार्ड के प्रभारी डॉक्टर कफील खान को ईमानदार मानते हैं. मरीज के परिजन और ड्राइवर का भी यही कहना है कि वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपना काम करते हैं और सभी से अच्छे से पेश आते हैं.
उनका ड्राइवर सूरज पांडे यह मानते हैं कि वह अपना काम पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करते हैं और उनके द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. बस्ती के रहने वाले सूरज डेढ़ साल से डॉक्टर कफील खान की फॉर्च्यूनर गाड़ी चला रहे हैं. वह बताते हैं कि जिस दिन अधिक बच्चों की मौत हुई उस दिन भी डॉक्टर कफील खान 3:00 बजे रात तक मेडिकल कॉलेज में ही थे.
दिमागी बुखार से पीड़ित अपने बच्चों को इलाज के लिए इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती कराने वाले गंगाराम और हरेंद्र कुमार गुप्ता भी डॉक्टर कफील खान के बारे में बताते हुए कहते हैं कि वह समय-समय पर उनके बच्चों को देखने आते रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि इलाज में थोड़ी लापरवाही बरती जा रही है. उनका कहना है कि उन्हें भी पता चला है कि ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हुई है. डॉक्टर कफील खान की सभी तारीफ कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि वह पूरी निष्ठा के साथ अपना काम कर रहे हैं.