काल भैरव में दलाल: 500–1100 में बिक रहे गर्भगृह से दर्शन, गार्ड तय करते हैं रेट; भक्तों से दबंगई

Update: 2025-12-07 07:38 GMT

बाबा कालभैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है लेकिन फिलहाल कोतवाल के दरबार में ही मंदिर के बाहर फूल, माला, प्रसाद की दुकान चलाने वालों से लेकर गर्भगृह के दरवाजे तक दलालों ने कब्जा कर लिया है। बिना लाइन के दर्शन कराने, गर्भगृह के अंदर दर्शन कराने, और गर्भगृह में बाबा के साथ फोटो क्लिक कराने तक के रेट इन दलालों ने तय कर दिए हैं। 500 रुपये से लेकर 1100 रुपये तक दाम वसूला जा रहा है। इसके अलावा जो भक्त इनके चंगुल में फंस जाए।


 दर्शन कराने के लिए बाबा कालभैरव की गली में फूल-माला और प्रसाद बेचने वालों तथा वहीं घूमने वाले दलालों से संपर्क साधा। उनकी बातों को कैमरे में रिकॉर्ड किया।

आम श्रद्धालु को सामान्य दिनों में डेढ़ से दो घंटे तक लाइन में लगकर दर्शन करना पड़ रहा है, वह भी गर्भगृह के बाहर से। लेकिन दलालों को रुपये देने पर वे मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड से संपर्क कर सीधे दो मिनट में गर्भगृह में प्रवेश करा रहे थे। पहचान यह भी रहती है कि मंदिर से निकलने वाले जिन भक्तों के गले में बड़ी फूलों की माला पड़ी होती है, उनमें 90% भक्त वही होते हैं जिन्होंने गर्भगृह में प्रवेश किया होता है।

परेशान होते हैं भक्त

 पहले फूल-माला वाले एक युवक से संपर्क किया तो उसने दो लोगों के 700 रुपये मांगे। शर्त यह थी कि वह गर्भगृह के अंदर दर्शन करा देगा, लेकिन फोटो क्लिक करानी है तो 1100 रुपये देने होंगे। वह इसी शर्त के साथ गर्भगृह तक ले भी गया।

दूसरे दिन गर्भगृह के तीन अलग-अलग गेट पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड से बात की गई तो उन्होंने भी एक व्यक्ति के अंदर जाने का रेट 500 रुपये और दर्शन के साथ फोटो कराने का रेट 1100 रुपये बताया। जब टीम ने निवेदन किया कि इतने रुपये नहीं हैं, बहुत देर से आए हैं, अंदर से दर्शन करने दें, तो सिक्योरिटी गार्ड ने कहा- “दर्शन करना है तो पैसा लगेगा, नहीं तो बाहर से ही देख लो।” इतना कहकर उसने दरवाजा बंद कर दिया।

 

झाड़-फूंक के नाम पर भी वसूली; 5 रुपये का धागा 100 से 1100 रुपये तक

मंदिर के अंदर बने चौतरे पर झाड़-फूंक और गंडा बेचने वालों का अलग ही कारोबार चलता है। मंदिर के बाहर मिलने वाला 5 रुपये का धागा यहां 100, 500 रुपये से लेकर 1100 रुपये तक में दिया जा रहा था। 10–20 रुपये देने वालों से ये लोग आए दिन बदतमीजी भी करते हैं। ये खासकर ऐसे भक्तों को पकड़ते हैं जो परिवार के साथ आते हैं, खासकर छोटे बच्चों वाले परिवार। ऐसे लोग इनकी बातें जल्दी मान लेते हैं।

मंदिर में रोजाना दर्शन करने आने वाले भक्त- मनीष यादव, अनिकेत पांडेय, शिवांश मिश्रा, संजय यादव, शुभम कुमार-कहते हैं कि करीब पांच साल पहले तक मंदिर के बाहर या अंदर ऐसी स्थिति नहीं थी। उनका कहना है कि इस पर रोक लगनी चाहिए। देशभर से दूर-दराज से आने वाले भक्त जब खराब अनुभव लेकर जाते हैं तो इससे मंदिर और काशी की धार्मिक प्रतिष्ठा धूमिल होती है।

 

 गर्भगृह के गेट से अंदर झांकने की कोशिश की तो वहां खड़े गार्ड ने रोका और झटककर नीचे उतार दिया।

गार्ड: कहां से आए हो?

  काशी से ही हैं, दर्शन करना है।

गार्ड: किसने भेजा है?

  किसी ने नहीं भेजा, हम खुद दर्शन करना चाहते हैं।

गार्ड: दर्शन अंदर से करना है तो पैसा देना पड़ेगा। एक आदमी का 500 रुपये रेट है। पैसा देना है तो बोलो, नहीं तो बाहर से झांकी देख लो... और इतना कहकर उसने गर्भगृह का दरवाजा बंद कर दिया।

 हम तीन लोग हैं, अंदर से दर्शन करा दो।

गार्ड: एक आदमी का 1100 रुपये लगता है।

  अरे, हम तीन लोग हैं, कुछ कम में करा दीजिए दर्शन।

गार्ड: कम-बेसी कुछ नहीं होगा। पैसा दो और दर्शन करो।

  देख लो, कुछ कम हो जाए तो…

गार्ड: नीचे उतरकर बात करो। बाहर से ही दर्शन करो, और लोग भी लाइन में हैं।

महंत का बयान

बाबा कालभैरव के दरबार में सभी एक समान हैं। मोहल्ले के कुछ लोग और माला-फूल बेचने वाले इस तरह की हरकत कर रहे हैं। वे गर्भगृह में दर्शन के नाम पर पैसे की वसूली करते हैं। महंत परिवार की 26 दिन की पारी होती है। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की जाएगी। - राजेश मिश्रा, महंत, कालभैरव मंदिर

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