Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 8

सरसो के फूलों पर बैठ कर आता है वसन्त!

11 April 2019 12:14 PM GMT
सरसो के फूल देख कर आपको हाथ में मेंहदी का रङ्ग और देह पर पीली चुनरी ओढ़े किसी नव-विवाहिता स्त्री का स्मरण नहीं हो आता? सरसो का पौधा जब अपने मुँह में...

बड़के नेता जी ने छोटके नेता जी को जूते से मारा...

7 March 2019 12:30 PM GMT
जनता क्रोध में है। क्रोध करने वाली जनता वही जनता है जिसे नेता जी पिछले बहत्तर वर्षों से जूता मार रहे हैं। जनता अपने ऊपर गिरते जूतों का हिसाब नहीं...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "तक्षक"

23 Feb 2019 7:35 AM GMT
प्राचीन भारत का पश्चिमोत्तर सीमांत!मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण से एक चौथाई सदी बीत चुकी थी। तोड़े गए मन्दिरों, मठों और चैत्यों के ध्वंसावशेष अब टीले का...

दगाबाज तोरी बतिया ना मानू रे....

31 Jan 2019 2:01 PM GMT
मैं भारत का इकलौता पुरुष हूँ जो समझ पाया था कि संसद में माननीय राहुल गान्ही जी ने "आँख" किसको और क्यों मारी थी, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि आँखों...

कहानी .. सिक्योरिटी गार्ड का चयन और अदम्य धैर्य और अभ्यास का अनूठा उदहारण

29 Jan 2019 2:26 PM GMT
एक बार एक कम्पनी में सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती में असफलता उपरांत एक लम्बे, तगड़े व्यक्ति ने चयन प्रक्रिया पर आपत्ति जताई. उसने चयनकर्ता से यह प्रश्न...

एक पुरानी कथा नये कलेवर में : गधे का भेजा

23 Jan 2019 10:05 AM GMT
जंगल का शेर बूढ़ा हो चला था। अब शरीर में इतनी ताकत न बची थी कि जंगल में उसके पंजों के निशान देखने को मिलते..सो हर वक्त अपनी मांद के सामने ही मिल जाते...

अकिला फूआएं अपनी उटपटांग सलाहों के लिए जानी जाती हैं तो बबुआ को क्या देगी सलाह

17 Jan 2019 1:44 PM GMT
माओवती फूआ और अकललेस बबुआ बूआ के पति चूंकि फूफा जी ही कहलाते हैं इसलिए हम भोजपुरी भाषी उनकी पत्नी को फूआ ही कहते हैं और फूआओं के इतिहास पर...

हे पँड़ाइन! काहें नही बोल रही हो जी? हेल्लो! ओह! हेल्लो!

15 Jan 2019 2:07 AM GMT
गज़ब बाड़ू ए मेहरारू! मने नही टॉवर है तो छत पे चढ़ जाती। अब टॉवर कमजोर है तो सरकार को दोष मत देना अबकी अंबानी जियो का लहुरा भाई चलाएगा "जियोह"!दिन भर में...

डाकबाबू और उनके खतओ -खतूत - रिवेश प्रताप सिंह

14 Jan 2019 4:32 PM GMT
जब मोबाइल नहीं था तब चिट्ठियाँ बोलतीं थीं। लेकिन चिट्ठियों के कदम थोड़े सुस्त होते थे। तब इतना आसान नहीं होता था अपने से दूर रहने वाले अपने प्रिय तक...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "घर वापसी"

24 Dec 2018 4:35 AM GMT
पंडित बटेसर मिसीर उस कोटि के ब्राह्मण थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि "दिन भर मांगे तो सवा सेर, और घण्टे भर मांगे तो सवा सेर"। विशुद्ध सुदामावादी...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "भरोसा"

21 Dec 2018 12:17 PM GMT
ट्रेन जब तमकुही रोड टीसन पर रुकी तो खिड़की से बाहर झांक कर देखा उसने... सबकुछ बदल गया! आदमी तो आदमी पेंड़-खुट भी नहीं पहचाने जा रहे... पता नहीं यह माटी...

भोजपुरी कहानी - माट्साब

21 Dec 2018 9:29 AM GMT
माट्साब बो अपना सुत्ती लूगा के अंचरा से लोर पोंछत दलानी में कुछ एहींगा जोहे के उपक्रम करे लगली, बाकि माट्साब के करुण क्रंदन बाहर ले सुनाव. माट्साब...
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