Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 7

कहानी : जनाना मर्दाना... रिवेश प्रताप सिंह

8 July 2019 2:43 PM GMT
हिन्दी के उन मूर्धन्यों को भी सौ तोपों की सलामी जिन्होंने सजीव के अतिरिक्त निर्जीवों में स्त्रीलिंग-पुलिंग की श्रेणी बना डाली। सजीवों में तो लिंग...

लभ यू तीन गोरियां.... आलोक पाण्डेय

7 July 2019 4:43 AM GMT
'बिन मारे बैरी मरे' की खुशी को दबाते हुए आइए सुनते हैं कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश अखंड भारत के भाग रहे हैं, अब क्योंकि ये भारत के विखंड...

कहानी : जामुन के पेड़ का प्रोटोकॉल बरसात में ...

6 July 2019 12:18 PM GMT
मुहल्ले में एक हुआ करता था, जिसकी अहमियत बरसात के दिनों में बढ़ जाती.. शेष महीने उसका कोई प्रोटोकॉल नहीं रहता. बरसात में जब जामुन पकती तो लगातार...

चरित्रहीन गाय (व्यंग्य)

5 July 2019 12:24 PM GMT
बकलोलपुर के जंगल मे एक हत्या हो गयी। एक गाय को कई भेड़ियों में सरेआम मिल कर चीड़-फाड़ दिया। गाय चुकी सज्जन थी, विवादों से दूर रहने वाली थी, सो प्रकृति के...

'शिकायत" (कहानी)

5 July 2019 7:31 AM GMT
नित्य की भांति अपने नर्सिंग होम के सभी वार्डों का चक्कर लगाते डॉ शशिशेखर शुक्ला जब जेनरल वार्ड में पहुँचे, तो एक बेड के पास अनायास ही ठिठक गए। बेड पर...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "पिता"

18 Jun 2019 1:31 PM GMT
उन दोनों को भागते-भागते दो दिन और तीन रातें बीत चुकी थीं। उनके दोनों घोड़े एक दिन पहले ही गिर गए थे, तबसे वे बिना रुके पैदल ही जंगलों में भागे जा रहे...

लड़िकाई कौ प्रेम-१

18 Jun 2019 12:16 PM GMT
भारत में यदि क्रिकेट सफलता के शीर्ष पर न होता तो संभवतः यह देश आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहा होता। सिनेमा भी था और है परंतु यह यथार्थ कम काल्पनिक अधिक...

फिर एक कहानी और श्रीमुख....."भरोसा"

13 Jun 2019 2:49 PM GMT
ट्रेन जब तमकुही रोड टीसन पर रुकी तो खिड़की से बाहर झाँक कर देखा उसने! सबकुछ बदल गया, आदमी तो आदमी पेंड़-खुट भी नही पहचाने जा रहे। पता नहीं यह माटी भी...

गुड्डू भैया, अतुल बाबू और UPSC - अभिषेक आर्यन

3 May 2019 7:58 AM GMT
पसीना से ओवरलोडेड गुड्डू भैया रोटी बेल रहे हैं...ऐसा लग रहा है जैसे आस्ट्रेलिया महाद्वीप का नक्शा उभर आया हो।इधर अतुल बाबू अपना चाइना मोबाइल में गाना...

गंगा ..---------------भाग 2....सर्वेश तिवारी श्रीमुख

30 April 2019 1:05 AM GMT
सारंडा के घने जङ्गल के बीच मे एक बड़ा सा मकान था। मकान कुछ इस प्रकार बना था कि इसका आधा हिस्सा जमीन के नीचे था। जमीन से ऊपर चार पाँच फ़ीट हिस्सा ही...

"गङ्गा"......... सर्वेश तिवारी श्रीमुख

28 April 2019 5:54 AM GMT
जून का महीना, दोपहर का समय। धूप इतनी कि जैसे आग बरस रही हो। इसी धूप में एक पुरानी सी स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पचासी- नब्बे की स्पीड में दौड़ती जा रही थी।...

लगन स्पेशल----- परछावन (हास्य)

28 April 2019 2:35 AM GMT
पिछले महीने से ही दुर्गेश बाबू धूप से भसुर की तरह बच रहे थे। सनक्रीम से लेकर गुलाबजल , ककड़ी, मलाई शायदे कुछ बचा हो जो रंग चमकाने के लिये प्रयोग न किये...
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