Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 9

फिर एक कहानी और श्रीमुख "कसम"

28 Nov 2018 3:10 AM GMT
अपनी दाढ़ी के नीचे जब उसने सेल्फ लोडेड राइफल की नली सटाई तो जाने क्यों उसके होठ मुस्कुरा उठे। उसने एक बार भय से थर थर कांपती लड़की की तरफ निगाह उठाई और...

फिर एक कहानी और श्रीमुख " हिम्मत"

21 Nov 2018 1:53 AM GMT
ए सरऊ, हमार तिलकवा ना चढइबs हो..."लगभग सत्तर साल के बुजुर्ग पाण्डेयजी बाजार में बैगन बेंच रहे बुजुर्ग खटिक से टिभोली मारते हैं। बूढ़ा मुस्कुरा कर जवाब...

'पिचत्तिस' से याद आया... ज्यों बालक कह तोतरि बाता

17 Nov 2018 12:59 PM GMT
'पिचत्तिस' से याद आया कि जब मैं छोटा बच्चा था तो पहली-पहली बार स्कूल गया। अब जब स्कूल गया तो यह तो मुझे याद नहीं कि मुझे 'कखगघ' किसने सीखाया पर गिनती...

छठी मईया दिही न अशीष..

12 Nov 2018 2:52 AM GMT
भोरे भोरे आंख मिचमिचाते ही सुनने में आया कि आज छठ है । उहे छठ जिसके लिये साल भर का इंतेज़ार करते थे कभी । घाट घेरने की जल्दीबाजी, शान वाली मोहल्लेबाजी,...

फिर फिर नन्द न उत्तर दीन्हो...

3 Nov 2018 1:16 PM GMT
गोकुल में जैसे मृत्यु की उदासी पसरी हुई थी। मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षी भी बोलना भूल गए थे। गायें अपने अपने खूंटों पर निश्चेष्ट पड़ी हुई थीं। पक्षियों का...

नाम याद नहीं मुझे....... (कहानी)

25 Oct 2018 2:42 PM GMT
क्लास, सातवीं से आठवीं हो गई तब महसूस किया कि कुछ बदल रहा है। कपड़ों में सलवार दुपट्टे की गिनती बढ़ी। मम्मी पहले से ज्यादा चौकन्नी हो गयीं। थोड़ी दुपट्टे...

तारिका की फ़टी जीन्स

22 Oct 2018 12:48 PM GMT
युगों पुर्व प्रेमचंद के फ़टे जूते देख कर महान साहित्यकार परसाई के ज्ञान चक्षु कितने खुले थे यह तो वही जानते होंगे, पर इस रूपवती तारिका की फ़टी जीन्स देख...

बाँस...

20 Sep 2018 10:23 AM GMT
बाँस के गुणों और इसकी उपयोगिता से परिचित तो था ही लेकिन जब, बाँस की विकिपीडिया पढ़ा... पता चला जितना मैं जानता था बाँस उससे कहीँ बहुत ज्यादा गुणवान और...

दरार..... : रिवेश प्रताप सिंह

17 Sep 2018 1:16 PM GMT
ईश्वर की अनुकंपा, नियमित दवाइयों के सेवन एवं नपी-तुली नियमबद्ध दिनचर्या के बल पर पिताजी लगभग अस्सी वर्ष की अवस्था में भी बिल्कुल स्वस्थ हैं।वैसे मानव...

सीता बनवास...

17 Sep 2018 1:13 PM GMT
रामकथा में सीता बनवास एक ऐसा प्रसङ्ग है, जो बुद्धिजीवियों को सदैव आनंदित करता रहा है। कारण यह, कि इस प्रसङ्ग पर तर्क, कुतर्क की अनंत सम्भावनाएं हैं।...

पुड़िया.....रिवेश प्रताप सिंह

16 Sep 2018 5:08 AM GMT
थोक गल्ला मंडी में मेरा जाना महीने में केवल एक दिन होता था या यूँ समझिए कि वेतन गिरने के दो-चार दिन के भीतर झोला उठ जाता था।थोक गल्ला मंडी में हर...
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