Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 37

सरहद

1 July 2017 1:42 PM GMT
कहते हैं कौशिला फुआ जैसी जिंदादिल औरत कुतुबपुर गाँव में क्या पूरे बलिया जिले में नहीं होगी। गाँव के किसी भी शादी बियाह में सबसे आगे आगे ।बियाह के दिन...

समाजवादी मुहब्बत का पहला खत.... (हास्य)

1 July 2017 12:53 PM GMT
डियर इनबॉक्स वाली लड़की ! ये जो साल भर से आप रोज इनबॉक्स में मैसेज करतीं हैं- 'गुडनाईट'।तो मैं क्या लिखूं! इधर से मैं भी लिख...

"सरकारी"..............: संदीप तिवारी

1 July 2017 3:51 AM GMT
मेरे गाव की "चौपाल" का कोई सानी नही !! "ब्रहम् बाबा" के चबूतरा पर "पिपर" के पेड़ के शीतल छाव में "सम-सामयिकी" पर "जोर आजमाइश" करते गॉव के...

"दो बैलों की कथा"( कहानी)

1 July 2017 3:48 AM GMT
झूरी के दू गो बैल थे, हीरा और मोती। मोती बड़ा सज्जन बैल था, झूरी उसकी नाद में जो डाल दे, वह उसी को करम का लिखा बूझ कर खा लेता और मस्त रहता था। पर हिरवा...

कुरता और .....जनकल्याण

30 Jun 2017 2:11 PM GMT
दोपहर का समय है, मैं यूँ ही पड़े पड़े जनकल्याण की सोच रहा हूँ। कुरता पहनते ही मेरे अंदर जनकल्याण की भावना हिलोर मारने लगती है, मन करता है कि किसी भी तरह...

खाओ तो विद्या माता की कसम....

30 Jun 2017 4:16 AM GMT
हो सकता है हम में से किसी ने कान्वेंट में पढ़ा हो, किसी ने विद्या मंदिर में या मेरी तरह सरकारी स्कूल में। हम सभी के स्कूल अलग-अलग, टीचर्स अलग-अलग,...

(कहानी)...... अम्मा........पापा कहाँ! :रिवेश प्रताप सिंह

30 Jun 2017 3:16 AM GMT
ईंट भट्ठे पर मुंशीगीरी में पैसा तो बस कहने को था लेकिन सुबह से शाम तक केशव के लिए वह एक सम्मान की जगह थी। चार लोग रोज़ सलाम करते थे। घर पर डेढ़ बीघा...

गाँव तो बेटियों के ही होते हैं...

30 Jun 2017 3:04 AM GMT
जब गेहूँ की फसल देकर थक चुके खेत, चैत-बैसाख में अलसाए से पड़े रहते हैं और अचानक बारिश का एक झोंका उत्तर से आकर भिगोते हुए भाग जाता है, तब खेत चौंक कर...

अपने अपने गीत...

29 Jun 2017 11:16 AM GMT
अपने विद्यालय के पास एक पेड़ के नीचे छांह में खड़े हुए, तो बैठे बुजुर्ग ने बात छेड़ने के लिए कहा- धूप देख रहे हैं मास्टर साहेब, ऐसे मौसम में क्या खेती...

"दबंगई"

29 Jun 2017 10:32 AM GMT
शाम के तियना लियावे खातिर हम निकलनी त घर के सामने वाला मोड़ पर बड़ा भीड़ रहे. शायद ठेला पर कुछु बेचात रहे. उत्सुकता बश हमार कदम बाजार ना जाके भीड़ के तरफ...

लघु कहानी - "राजनीति"

29 Jun 2017 5:56 AM GMT
परमन पुर नामक जनपद उत्तर प्रदेश में अपने अपराधिक कारनामों के लिए प्रसिद्ध है ।यहां लगभग ढाई दशक से दो माफिया,शादाब अहमद और संदेश सिंह के बीच आपस में...

फिर एक कहानी और श्रीमुख . "अंतिम प्रार्थना"

29 Jun 2017 5:55 AM GMT
पटना के घाट पर बैठे शैलेन्द्र ने जब पैर पानी में डाला तो लगा जैसे हजार बिच्छुओं ने एक साथ डंक मार दिया हो। पानी तीर की तरह चुभ रहा था। शैलेन्द्र ने...
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