Janta Ki Awaz

लेख - Page 39

कोरेना महामारी में शिवपाल द्वारा राजनीतिक उत्तरदायित्व का निर्वहन

17 Jun 2020 6:15 AM GMT
समाजवादी राजनीति में एक अहम कद रखने वाले शिवपाल सिंह यादव एक ऐसे नेता हैं, जिनके नाम के साथ अनेक प्रसंग जनता के बीच तैरते रहते हैं। उसमें से अधिकांश...

वर्तमान समय ज्योतिष की नजर से:- (प्रेम शंकर मिश्र)

17 Jun 2020 2:55 AM GMT
जैसे जैसे 21 जून का सूर्य ग्रहण पास आता जा रहा है समाज मे तीव्रता (Intensity) , क्रोध, आवेश बढ़ता जा रहा है वजह तीन ग्रह वक्री हैंऔर बुध ग्रह भी 18 जून...

कोरेना संकट और बुंदेलखंड की अनाज बैंक योजना

16 Jun 2020 7:48 AM GMT
इस समय सम्पूर्ण विश्व कोरेना महामारी से त्रस्त है । जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा बड़ा देश होने के बाद भी यहाँ भौगोलिक और सांसकृतिक विविधताएँ भी...

गम्भीर अवसाद से हारकर आत्महत्या करने वालों को लोग कायर क्यों कहते हैं?

16 Jun 2020 5:04 AM GMT
अतुल शुक्ला, गोरखपुरएक पेशेवर मनोचिकित्सक मित्र से अवसाद पर बात हो रही थी। उन्होंने बताया कि 'कैंसर से हारकर मर जाने वाले के साथ लोग सहानुभूति जताते...

जिन्दगी जिन्दाबाद....

15 Jun 2020 12:44 PM GMT
पहले एक चुटकुला सुनिए।एक व्यक्ति का दाहिना हाथ किसी दुर्घटना में कट गया। उसे डिप्रेशन हो गया। लगा सोचने कि जी कर क्या करूँ, लोग लुल्हा कह कर चिढ़ाते...

कोरेना संकट और प्रभावी विपक्ष की भूमिका में अखिलेश – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

15 Jun 2020 8:17 AM GMT
इस समय पर पूरा विश्व कोरेना संकट और उसके कारण उभरी तमाम समस्याओं से जूझ रहा है । पूरे देश के यही हालात हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की स्थिति कुछ मायनों...

जिंदगी जीने की सीख देने वाले सुशांत खुद हार गए अपनी जिंदगी:धनंजय सिंह

15 Jun 2020 7:27 AM GMT
2019 मे सुशांत सिंह राजपूत की आई फिल्म छिछोरे में सुशांत ने कहा था,जीतने के बाद प्लान सबसे पास है,हार के बाद का किसी के पास नही।रुपहले पर्दे पर यह बात...

"आत्महत्या" किसी भी समस्या का समाधान नहीं है

14 Jun 2020 4:03 PM GMT
प्रेम शंकर मिश्र , आत्महत्या महापाप है , जो अपनी कहानी का जिन परिस्थितियों से पीछा छुडाने के लिये The end करता है , प्रकृति द्वारा अगले जन्म मे...

सुशांत की आत्महत्या,अजीब लगता है, पर अजीब है नहीं

14 Jun 2020 12:42 PM GMT
सुशांत एक सफल अभिनेता थे। फिल्में चल रही थीं, पैसा आ रहा था, प्रसिद्धि मिल चुकी थी, जाने कितनों के आदर्श थे... फिर भी आत्महत्या कर लिए। अजीब लगता है,...

आइये ममत्व का संसार बनाएँ - प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

14 Jun 2020 11:14 AM GMT
धीरे-धीरे रिश्तों के मायने खतम होते जा रहे हैं। रिश्तों के बीच का प्रेम सूखता जा रहा है। रिश्तों की गर्माहट तभी तक होती है, जब तक उनकी जरूरतें पूरी हो...

कार्टन या पैकेट्स के निस्तारण की समस्या और पर्यावरण संरक्षण – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

14 Jun 2020 4:58 AM GMT
प्रगति और आधुनिकता की अंधाधुंध दौड़ में हमने अपनी सारी सीमाएं तोड़ दी। जिससे पर्यावरण को इतना नुकसान हुआ कि पृथ्वी पर मानव जीवन बचेगा कि नहीं, ऐसा संकट...

लॉक डाउन, संवेदनशील मसले और मा. न्यायालयों की संवेदनशीलता – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

13 Jun 2020 6:12 AM GMT
पिछले तीन महीने से अधिक समय से पूरा विश्व कोरेना संक्रमण से गुजर रहा है। कोरेना संक्रमण न फैले, इसके लिए सभी देशों ने अपने – अपने यहाँ लॉक डाउन लागू...
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