कालेधन का क्या हुआ? 2015 से अब तक सरकार ने क्या किया, संसद में उठा सवाल तो आया ये जवाब

Update: 2025-07-23 11:39 GMT

भारत में कालेधन का मामला लंबे समय से चला रहा है. काले धन का मामला एक बार फिर संसद में उठा. उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद सांसद जावेद अली खान ने पूछा कि क्या स्विस बैंकों में जमा भारतीय संपत्ति तीन गुना से अधिक बढ़ गई है, इस पर वित्त राज्य मंत्री ने लिखित में जवाब दिया कि पिछले 10 सालों में काला धन से जुड़े मामलों में 338 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

सांसद जावेद अली खान की ओर से राज्यसभा में कालेधन से जुड़े कई सवाल पूछे गए, “क्या स्विस नेशनल बैंक के अनुसार, 2024 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन 3 गुना से अधिक बढ़कर 3.5 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी करीब 37,600 करोड़ रुपये हो गया है, जो 2021 के बाद का उच्चतम स्तर है. साथ ही यह भी पूछा गया कि 2022, 2023, 2024 और 2025 के दौरान अब तक विदेशी खातों से वापस लाए गए काले धन का साल के हिसाब से और देश के हिसाब से ब्यौरा क्या है?

सरकार ने क्या दिया जवाब

इस पर सरकार ने बताया कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों पर आधारित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र किया गया है कि स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई धनराशि 2024 में पिछले साल की तुलना में बढ़ी है. मीडिया रिपोर्टों में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्विस अधिकारियों के अनुसार, एसएनबी के आंकड़ों में, अन्य बातों के साथ-साथ, ग्राहकों की जमा राशि (किसी भी देश में स्थित स्विस बैंकों की विदेशी शाखाओं सहित), अन्य देनदारियों के साथ-साथ बैंकों को देय राशि भी शामिल है. स्विस अधिकारियों ने बताया है कि एसएनबी के सालाना बैंकिंग आंकड़ों का उपयोग स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों की जमा राशि के विश्लेषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

आगे यह भी कहा गया है कि स्विट्जरलैंड 2018 से ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफार्मेशन (Automatic Exchange of Information, AEOI) फ्रेमवर्क के तहत भारतीय लोगों के बारे में सालाना वित्तीय जानकारी उपलब्ध करा रहा है. भारतीय अधिकारियों को पहला डेटा ट्रांसमिशन सितंबर 2019 में हुआ था, और तब से यह लगातार जारी है. इसके अलावा, भारत 100 से अधिक विदेशी कर क्षेत्राधिकारों से विदेशी संपत्तियों और आय के बारे में जानकारी हासिल करता है.

टैक्स चोरी पर उचित कार्रवाई

सरकार के अनुसार, जब भी टैक्स चोरी का कोई मामला सामने आता है, तो डायरेक्ट टैक्स कानूनों के तहत उचित कार्रवाई की जाती है, जिसमें तलाशी, सर्वेक्षण, पूछताछ, आय का आकलन, कर, जुर्माना आदि लगाना और जहां भी लागू हो, आपराधिक अदालत में अभियोजन शिकायत दर्ज करना शामिल है.

सरकार ने बताया कि 1 जुलाई, 2015 को बीएमए लागू होने के बाद से, 1 जुलाई, 2015 से 30 सितंबर, 2015 तक बीएमए के तहत एकमुश्त तीन महीने की अनुपालन अवधि में 4164 करोड़ रुपये मूल्य की अघोषित विदेशी संपत्ति से संबंधित 684 खुलासे किए गए. इन मामलों में टैक्स और जुर्माने के रूप में जमा की गई राशि करीब 2476 करोड़ रुपये थी.

इसके अलावा, 31 मार्च तक, काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 (Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) and Imposition of Tax Act 2015, BMA) के तहत 1021 एसेसमेंट पूरे किए जा चुके हैं. कुल 163 अभियोजन शिकायतें भी दर्ज की गई हैं और कुल 35,105 करोड़ रुपये का टैक्स एकत्र किया गया है. कर मांग तब निर्णायक रूप से स्पष्ट हो जाती है, जब CIT(A), ITAT, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत अपीलों पर फैसला हो जाता है. खास बात है कि 1 जुलाई 2015 से 31 मार्च 2025 तक काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 यानी BMA के अंतर्गत कर, जुर्माना और ब्याज के साथ 338 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

Similar News