पापा अब कभी नहीं आएंगे?— अंशिका की मासूम पुकार से कांप उठा धरना गांव

Update: 2025-07-23 06:06 GMT


विशेष रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली

चंदौली, उत्तर प्रदेश — जनपद चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत धरना गांव की गलियों में अचानक सन्नाटा छा गया। हर चेहरा खामोश, हर आंख नम थी। जिम संचालक और प्रॉपर्टी डीलर अरविंद यादव उर्फ बिंदू यादव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। और जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा — वो चीखें, वो विलाप, वो मासूम सवाल — पूरे गांव को झकझोर कर रख गया।

"मम्मी, पापा अब कभी नहीं आएंगे?" — यह सवाल 8 वर्षीय देवांश ने जब अपनी मां से किया, तो पास खड़े हर शख्स की आंखें भर आईं। वहीं 14 साल की अंशिका, जो अभी कुछ दिन पहले तक पापा से अपने स्कूल की किताबों के लिए जिद कर रही थी, अब बस तस्वीर से लिपटी बैठी थी — बिना कुछ बोले।

गांव में मातम, हर आंख मांगे इंसाफ

अरविंद की हत्या ने सिर्फ एक परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को झकझोरा है। उनकी अंतिम यात्रा जब गांव पहुंची, तो परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। आंसुओं और गुस्से के बीच उन्होंने कहा —"हमारे बच्चों का क्या होगा? हमारी सुरक्षा कौन करेगा? अब कौन है हमारा सहारा?"

मासूम अंशिका और देवांश की आंखों में डर और भविष्य की चिंता साफ झलक रही थी। शायद पहली बार किसी एसडीम अनुपम मिश्रा की कलम किसी आदेश से नहीं, बल्कि एक बिटिया की पुकार से चली। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए परिजनों की मांगों को स्वीकारा — आर्थिक सहायता, सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई का पूरा जिम्मा सरकार ने उठाने का आश्वासन दिया।


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नामजद आरोपी, ₹25,000 का इनाम, पुलिस की सख्ती

इस हृदयविदारक हत्याकांड में श्याम सिंह यादव उर्फ कल्लू समेत 8 नाम सामने आए हैं। सभी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस टीमें गठित कर छापेमारी कर रही हैं। घटना की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है, लेकिन जांच के कई एंगल खंगाले जा रहे हैं।


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अरविंद यादव नहीं रहे। लेकिन उनकी मासूम बेटी की आवाज अब भी गांव की दीवारों से टकरा रही है —क्या पापा को मारने वालों को सजा मिलेगी? इस सवाल का जवाब सिर्फ पुलिस या प्रशासन नहीं, बल्कि पूरा समाज देगा... तभी शायद अंशिका और देवांश की आंखों में दोबारा उम्मीद जगेगी।

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