अक्षय तृतीया पर चरण दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़, हीरे-जवाहरात जड़े कटारे-टिपारे पहन बांकेबिहारी दे रहे दर्शन

Update: 2025-04-30 05:16 GMT

वृंदावन:  : मोर-मुकुट, कटि-काछनी सुनहरे श्रृंगार धारण कर हीरे, जवाहरात जड़े कटारे-टिपारे पहनकर जब ठाकुर बांकेबिहारी ने बुधवार की सुबह भक्तों को चरण दर्शन दिए, तो भक्त निहाल हो उठे। अक्षय तृतीया पर बुधवार को सुबह जब आराध्य बांकेबिहारी के चरणों की झलक भक्तों को मिली, तो इस अक्षय पुण्य को पाकर हर भक्ति आल्हादित था।

सुबह ठाकुर बांकेबिहारी ने सुनहरे श्रृंगार और केसरिया पोशाक में भक्तों को चरणदर्शन दिए, तो जयकारे से मंदिर परिसर गूंज उठा। आराध्य के दिव्य दर्शन की एक झलक पाने को लालायित भक्तों के इंतजार के पल जैसे ही खत्म हुए, तो मंदिर बांकेबिहारी में भक्तों की भीड़ फूट पड़ी। मंदिर में अंदर पहुंचे भक्त आराध्य के चरणों की झलक पाकर सुधबुध खो बैठे और पीछे से आ रहे भक्तों का रेला का एहसास जब दर्शन में मग्न श्रद्धालु को हुआ तो आगे बढ़ने का मन बनाया।

अक्षय तृतीया पर मंदिर के समय में हुआ बदलाव

अक्षय तृतीया पर आराध्य बांकेबिहारी के चरण दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, तो आराध्य ने भी तय समय से करीब एक घंटा 45 मिनट पहले ही दर्शन दिए। सुबह छह बजे मंदिर के पट जल्द खुले तो भक्तों का भी सहूलियत मिली। मंदिर खुलने के समय तक हजारों भक्त दर्शन करके मंदिर से निकल चुके थे।

भक्तों की भीड़ से खचाखच भरे परिसर में जितनी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, उससे कई गुना अधिक श्रद्धालु मंदिर के बाहर आराध्य की दिव्य झांकी के दर्शन को उतावले हो रहे थे। प्रशासनिक व्यवस्था भी पूरी तरह मजबूत नजर आई। विद्यापीठ और जुगलघाट से कतारबद्ध होकर श्रद्धालु रेलिंग के अंदर से ही मंदिर तक पहुंच रहे थे।

कारपेट से गुजर रहे श्रद्धालु

गर्मी के दिनों में गर्म धरती पर नंगे पैर चलने में श्रद्धालुओं की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर आने वाले रास्तों पर कारपेट बिछाकर जगह जगह पंखा, कूलर लगाए हैं। ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

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