आगरा. आगरा में तड़पते किसान श्रीचंद ने अपनी पीड़ा बयान करते हुए कहा था कि अब वह चार दिन में मर जाएंगे. किसान के आंसू और दर्द की खबर का सीएम आफिस ने संज्ञान लेकर तत्काल आगरा के डीएम को निर्देशित किया है. इसके बाद गैंगरीन की असहनीय पीड़ा में छटपटाते किसान को एसएन मेडिकल कॉलेज एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराकर प्रशासन ने इलाज शुरू करवा दिया. वहीं हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया है.
सीएम योगी ने लिया संज्ञान
बता दें कि पैसों के अभाव में इलाज ना करा पाने वाले. किसान श्रीचंद ने कराहते हुए बताया था कि इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं है. श्रीचंद ने यह भी कहा था कि लगता है कि अब वह दो चार दिन में ही मर जाऊंगा. सीएम आफिस ने जिला प्रशासन को किसान की सुध लेने का आदेश दिया. एसडीएम सदर को डीएम ने ग्राम गुतिला में चल रहे किसानों के धरना स्थल पर भेजा.
लखनऊ पीजीआई में हो रहा हैं इलाज
गंगरउआ गांव के गरीबा किसान श्रीचंद के पैर में गैंगरीन है. तड़पते श्रीचंद का इलाज के नाम पर ग्रामीण सिर्फ दर्द निवारक इंजेक्शन लगवा देते थे. श्रीचंद के पास पैसे नहीं थे. ग्राम गुतिला के धरना स्थल से एसएन मेडिकल कालेज और अब लखनऊ के पीजीआई में डाक्टरों की देखरेख में श्री चंद का बेहतर इलाज शुरू हुआ तो उनकी आंखों के सामने जिंदगी का उजाला नजर आने लगा है. इधर जिला प्रशासन पल पल किसान के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहा है.
इनर रिंग रोड के लिए धरना
इनर रिंग रोड निर्माण को लेकर 35 माह से गुतिला गांव के पास धरना चल रहा है. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले चल रहे धरने में पड़ोसी गांव गंगरुआ के किसान श्रीचंद जोश के साथ शामिल रहते थे. कुछ दिनों पूर्व इनर रिंग रोड के निर्माण को लेकर किसानों को हटाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने हल्के बल का प्रयोग किया, जिसमें श्रीचंद के पैर में चोट लग गई.
बसपा सरकार में किसानों के साथ विश्वासघात
आरोप है कि निर्माणधीन इनर रिंग रोड के लिए बसपा सरकार में किसानों के साथ विश्वासघात किया गया था. सपा सरकार जब आई तो किसान फिर ठगे गये. किसान मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर तीन साल से बैठे हैं. किसानों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया था, लेकिन किस रेट से अधिग्रहण किया जा रहा है, लिखा-पढ़ी में इसका जिक्र नहीं किया गया.