लखनऊ. अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के आदेश दिए गए थे. यूपी के आईजी एलओ प्रवीण कुमार ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि पिछले 48 घंटों में सोशल मीडिया पर साइबर पेट्रोलिंग जारी है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात 10 बजे से 48 घंटों में भड़काऊ पोस्ट पर 34 एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 77 लोग गिरफ्तार किए गए.
सोशल मीडिया पोस्टों पर कार्रवाई
फेसबुक पर 1355 पोस्ट और 98 यूट्यूब वीडियो के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार के मुताबिक, अयोध्या पर फैसले की तैयारी पिछले एक महीने से चल रही थी, जिसके तहत 480 लाइसेंसी असलहों के निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. 135 असलहा लाइसेंस निरस्त भी कराए गए. 15 हज़ार पीस कमेटी की बैठकों के जरिए समाज के हर वर्ग से पुलिस जुड़ी रही.
सफल रहा साइबर पेट्रोलिंग का प्लान
स्थानीय प्रशासन और पुलिस के इन प्रयासों के चलते फैसले के दिन और उसके बाद अभी तक कहीं से किसी तरह की गड़बड़ी की खबर सामने नहीं आई है. फैसले के अगले दिन 5 हज़ार से ज्यादा बारावफात के जुलूस अगली चुनौती थी, लेकिन यूपी पुलिस ने उसे भी बगैर किसी विवाद के निपटा लिया. बीते 48 घंटों ने यूपी पुलिस की साइबर पेट्रोलिंग के प्लान पर सफलता की मुहर लगा दी, जिसके चलते प्रदेश में शांति और सुरक्षा बनी रही.
सीएम योगी ने खुद संभाल रखा था मोर्चा
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ तड़के उठ जाते हैं, लेकिन शनिवार को योगी और पहले उठ गए और अपना पूजा-पाठ संपन्न कर राज्य की कानून-व्यवस्था की समीक्षा में लग गए. शनिवार सुबह एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह से फोन पर बात की और पूरे राज्य की हालात का जायजा लिया.
शनिवार को दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया है. वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन अयोध्या में कहीं भी देने का आदेश दिया गया है.