डॉ.कफील का झूठ सामने आया, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया- डॉ.कफील को क्लीन चिट नहीं दी गई

Update: 2019-10-03 13:04 GMT

लखनऊ, । बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले में बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉ.कफील का झूठ सामने आ गया। गुरुवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने सफाई दी। बताया कि बीआरडी कॉलेज में बच्चों की आकस्मिक मौत पर निलंबित डॉ. कफील को किसी ने क्लीन चिट नहीं दी है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने कहा कि डॉ. कफील चंद रोज पहले जिन बिंदुओं पर क्लीन चिट का दावा कर रहे हैं, उनमें अभी जांच पूरी नहीं हुई है। प्रमुख सचिव ने बताया कि इन आरोपों से संबंधित कुछ अभिलेख शासन की जानकारी में आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। फिलहाल डॉ. कफील को कहीं से भी क्लीन चिट नहीं दी गई है।

रजनीश दुबे ने बताया कि बच्चों की मौत के मामले में डॉ. राजीव कुमार मिश्रा तत्कालीन प्राचार्य, सतीश कुमार एनेस्थीसिया, डॉ कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग को निलंबित किया गया था। डॉ. कफील पर सरकारी सेवा में रहते हुए निजी प्रैक्टिस करने का गंभीर आरोप है। प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने कहा कि आरोप जिनमे कफील खुद को निर्दोष होने का प्रचार कर रहे वह गलत है। उनको किसी भी मामले में अभी क्लीन चिट नहीं दी गई।

इसके साथ ही निलंबन के दौरान बहराइच अस्पताल में कफील की ओर से जबरन इलाज करने का प्रयास किया गया। जिस पर केस दर्ज है। इसके साथ ही सरकारी सेवक रहते सरकार विरोधी पोस्ट करने पर भी केस हुआ है। अभी किसी भी विभागीय कार्रवाई में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। डॉ कफील गलत तरीके से अपनी क्लीन चिट प्रसारित करा रहे हैं। डॉ. कफील पर सभी आरोपों की जांच चल रही है। डॉ कफील को क्लीन चिट देने के मामले में कई समाचार पत्रों और समाचार चैनलों ने गलत खबर चलाई थी। 

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