राज्यमंत्री पप्पू निषाद की बर्खास्तगी से नाराज हुआ राष्ट्रीय निषाद संघ

Update: 2016-09-27 15:15 GMT
लखनऊ. यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव 2017 के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है। कैबिनेट में बैलेंस बिठाने के लिए राज्यमंत्री पप्पू निषाद की बर्खास्तगी कर दी गई, लेकिन इसका उल्‍टा असर दि‍ख रहा है। निषाद समाज नाराज हो गया है। इससे अब सपा को आने वाले चुनावों में नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्यों है नाराजगी
-राष्ट्रीय निषाद संघ का कहना है कि मुलायम ने भ्रष्ट गायत्री को अति पिछड़ों का नेता बताकर उसकी कैबिनेट में वापसी कराई और पप्पू निषाद को कैबिनेट से बाहर कर दिया। 
- इस वजह से निषाद समाज नाराज है। 
- राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटनराम निषाद का कहना है कि सपा ने विधानसभा चुनाव 2012 में सरकार बनने के 72 घंटे में ही 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने का वायदा किया था। इसके उलट इनके परंपरागत पेशों को छीनकर बेकारी और भुखमरी की स्थिति में पहुंचा दिया।
जिन्हें हटाना था उनकी वापसी और प्रमोशन कर दिया
-लौटनराम निषाद का कहना है कि गायत्री प्रजापति खनन माफियाओं का सिंडिकेट चलाते हैं। मुलायम उन्‍हें अति पिछड़ों का नेता बताते हैं जबकि सच यह है कि अति पिछड़ों के लिए उन्‍होंने कोई काम नहीं किया है। 
-वहीं शंखलाल मांझी को प्रमोशन दिया गया है जबकि वह हमेशा ही निषाद समाज से दूरी बनाए रखते हैं। कुछ चुनिंदा लोग ही उनके आसपास रहते हैं। 
-इस वजह से भी लोगों में नाराजगी है। 
-लौटनराम कहते हैं कि राज्य मंत्री के पद से हटाए गए पप्पू निषाद को जहां प्रमोशन देना चाहिए तो उन्हें सपा सरकार ने हटा दिया है।
क्या कहते हैं बर्खास्त मंत्री
-वहीं राज्यमंत्री के पद से बर्खास्त पप्पू निषाद कहते हैं, 'मैंने खुद इस्तीफा दिया है।'
-उन्होंने कहा, 'सीएम साहब ने मुझसे कैबिनेट में बैलेंस करने के लिए ऐसा कहा था।'
-उन्होंने कहा, 'मुझे किसी से कोई नाराजगी नहीं है।'
-पप्पू ने बताया कि समय आने पर निषाद समाज सपा के साथ ही खड़ा होगा।

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