देश में हिंदुओं को एकजुट करने का बीजेपी ने बनाया 'समरसता प्लान'

Update: 2018-03-08 06:27 GMT
2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति को रफ्तार देना शुरू कर​ दिया है. इसी क्रम में पार्टी ने हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की तैयारी कर ली है. पार्टी की इस कवायद को देश में जाति की राजनीति के तोड़ के रूप में देखा जा रहा है. जो प्लान तैयार किया गया है उसके तहत भारतीय जनता युवा मोर्चा भीमराव अंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल से अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस यानी 6 दिसंबर तक समरसता कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इस कार्यक्रम में पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा, विधानसभा, मंडल, बूथ स्तर पर हर जाति के लोगों को जोड़ने की तमाम कवायद करेंगे.
दरअसल जनवरी में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक हुई. राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश प्रभारी आदि शामिल हुए. इस बैठक में तय किया गया कि 2019 के चुनाव से पहले देश के सभी पोलिंग बूथ पर युवा मोर्चा के 10 कार्यकर्ता खड़े कर समरसता अभियान शुरू किया जाए. इस अभियान का आइडिया युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र की तरफ से आया. अभिजात संघ पृष्टभूमि से आते हैं. बैठक में तय किया गया कि यह कार्यक्रम 14 अप्रैल से शुरू होकर 6 दिसंबर तक 8 महीने लगातार चलेगा. अभियान को चलाने के लिए केंद्रीय, राज्य, लोकसभा, विधानसभा, वार्ड और पोलिंग बूथ स्तर पर समरसता समिति का गठन किया जाएगा.
राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि देश के युवाओं को जाति का भेद भुलाकर समरसता के मार्ग पर आगे बढ़ाना. उन्होंने कहा कि वैसे तो युवा में जाति की भावना नहीं होती लेकिन तमाम सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने में उन्हें जातिवाद के चंगुल में घसीट लिया जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए युवा मोर्चा देश के हर युवा से संपर्क करेगा. उन्हें एहसास कराएगा कि समरसता ही एक विकसित राष्ट्र निर्माण का आधार है. सभी को एक होना है.
अभिजात कहते हैं कि हमने ये कार्यक्रम को लेकर काफी बड़े स्तर पर तैयारी की है. इसके तहत लोकसभा, विधानसभा, मंडल, बूथ स्तर पर, सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए समिति का गठन किया जाना है. सामाजिक व्यवस्था से मतलब यहां क्षेत्र के हिसाब से हर समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा.
इसके अलावा स्थानीय समाजिक स्थिति को ध्यान रखते हुये समरसता भोज का आयोजन किया जाना है. इसमें कार्यकर्ता अपना और एक व्यक्ति का भोजन टिफिन में लाएंगे और साथ भोजन करेंगे. इस समरसता भोज में स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ दलित, आदिवासी समाज के प्रमुख को आमंत्रित​ किया जाएगा.
इसके अलाावा समरसता से जुड़े विषयों पर सभा, संगोष्ठी, परिचर्चा कार्यक्रम होंगे. जिसमें क्षेत्र के प्रमुख वक्ताओं को विचार रखने का मौका दिया जाएगा. अभिजात बताते हैं कि इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास में भोज का आयोजन किया जाएगा. यहां शासन स्तर की योजनाओं पर चर्चा करते हुये नवमतदाता पंजीयन की व्यवस्था भी की जाएगी.
क्या ये हिंदुत्व का एजेंडा है. इस पर राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र कहते हैं कि हमारे समाज में तमाम कुरीतियां रही हैं? चाहे वह ऊंच-नीच की भावना हो या छुआ-छूत. जातिवाद इसमें एक अहम कड़ी रही है. हमारा मानना है कि इसी के कारण भारतीय समाज बुरी तरह बंटा हुआ है और इसका लाभ इतिहास में तमाम विदेशी आक्रांताओं ने उठाया. आज नेता भी इसी का लाभ उठाते हैं. हमारी कोशिश है कि जातिवादी की ऐसी मानसिकता जो गुलामी की ओर ले जाती है, उसे जड़ से मिटाया जाए. क्या समरसता के इस अभियान में गैर हिंदू भी शामिल होंगे? इस पर अभिजात कहते हैं कि पहले हम अपने यहां ही सुधार कर लें.

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