जनपद बहराइच के लिए गर्व का क्षण- माँ की रसोई के संचालक एवं वरिष्ठ पत्रकार महेश गुप्ता को एक बार फिर से सम्मानित किया गया।
बहराइच।
जहाँ आज समाज में स्वार्थ और व्यक्तिगत लाभ की दौड़ लगी है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो निःस्वार्थ भाव से समाज के सबसे कमजोर वर्ग की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। जनपद बहराइच की माँ की रसोई ऐसी ही सेवा और समर्पण की एक मिसाल है।
माँ की रसोई के संचालक एवं वरिष्ठ मान्यता प्राप्त पत्रकार महेश गुप्ता पिछले 12 वर्षों से गरीब, असहाय और निराश्रित लोगों को भोजन कराकर मानवता का संदेश दे रहे हैं। भूख से जूझते चेहरों पर मुस्कान लाना ही उनका सबसे बड़ा लक्ष्य रहा है। महेश गुप्ता मानते हैं कि सेवा ही सच्ची पूजा है और भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा धर्म।
सम्मान समारोह का आयोजन
महेश गुप्ता की निःस्वार्थ सेवा भावना एवं अद्वितीय कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन (एशो.) की ओर से आज उन्हें सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्रदेश महामंत्री अब्दुल वहीद की ओर से आज ब्राह्मणी पुरा स्थित माँ की रसोई परिसर में एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष शादाब हुसैन और वरिष्ठ समाजसेवी प्रवीण श्रीवास्तव, राम गोपाल गुप्ता, अन्ना मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कोरोना काल में मिसाल बनी माँ की रसोई
कोरोना महामारी के कठिन समय में, जब लोग अपनों से भी दूरी बनाए हुए थे, उस समय महेश गुप्ता और महेंद्र कुमार मिश्र ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना लगातार काम किया। उन्होंने जरूरतमंदों के लिए भोजन के पैकेट तैयार किए और जिलेभर में घर-घर जाकर बाँटे। उनकी इस पहल से सैकड़ों परिवारों को राहत मिली और कई बच्चों तथा बुजुर्गों को जीवनदान मिला।
जिलाध्यक्ष आनंद गुप्ता की उपस्थिति में गरिमा बढ़ी
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आनंद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह सम्मान समारोह केवल महेश गुप्ता का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की सेवा भावना का सम्मान है। समारोह में उपस्थित रहे, जो उनकी सादगी और सेवाभाव का प्रतीक बना।
सिर्फ संस्था नहीं, आशा की किरण
माँ की रसोई आज केवल एक संस्था नहीं, बल्कि हजारों गरीब और बेसहारा लोगों की आशा की किरण बन चुकी है। यहाँ न कोई जाति है, न धर्म, न वर्ग — सिर्फ इंसानियत और सेवा का भाव है। हर दिन सैकड़ों लोगों को प्रेम और सम्मान के साथ भोजन कराया जाता है।
महेश गुप्ता जैसे व्यक्तित्व यह सिद्ध करते हैं कि सच्ची मानवता आज भी जीवित है और आज भी ऐसे लोग हैं जो अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीते हैं। उनका सम्मान वास्तव में पूरे समाज और सेवा की भावना का सम्मान है। जनपद बहराइच को उन पर गर्व है।