यूपी के मुख्यसचिव अलोक रंजन पर मेहरबान अखिलेश सरकार ने विवादों से बचने के लिए उन्हें केबिनेट मंत्री स्तर के पद पर आसीन करने का फैसला किया है. दरअसल इस जून महीने में उनका एक्सटेंशन भी खत्म हो रहा है. लेकिन उनके बारे में ताजा खबर यह है कि वे रिटायरमेंट के फौरन बाद यूपी सरकार में एक ऐसे पद में बिठा दिये जाएंगे, जो केबिनेट मंत्री के समकक्ष है.
अलोक को सेवा विस्तार नहीं देगी सरकार
गौरतलब है कि तीन महीने पहले ही उन्हें राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के पद पर सेवा-विस्तार दे दिया था. लेकिन उनका यह कार्यकाल इसी महीने जून में खत्म हो रहा है. खबर है कि राज्य सरकार उन्हें अब नया सेवा विस्तार नहीं देगी बल्कि उन्हें केबिनेट मंत्री स्तर के पद पर आसीन करने के लिए एक नया प्राधिकरण गठित कर उसका मुखिया बना देगी. बताया जाता है कि सरकार उन्हें नये प्राधिकरण का प्रमुख बनाने का फैसला कर चुकी है. मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के एनेक्सी भवन में पहले से भी इस बात की चर्चाएं चलती रही हैं.
साहब का बढ़ेगा ओहदा
मुख्य सचिव कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि साहब को प्रदेश में जमीन-जायदाद को लेकर बनाये जाने वाले एक प्राधिकरण का चीफ बना दिया जाने की खबर है. मुख्य सचिव कार्यालय के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि साहब का ओहदा अब केबिनेट स्तर के मंत्री का होगा.
कई घोटालों में रंजन के खिलाफ चल रही है जांच
उल्लेखनीय है कि आलोक रंजन करीब 15 साल पहले हुए राष्ट्रीय उपक्रम नाफेड में हुए एक अरबों रूपयों के घोटालों को लेकर फंसे हुए हैं. इससे जुड़े तीन मामलों की जांच का काम सीबीआई अभी तक कर रही है. इसके अलावा भी कई मामलों में भी फंसे हुए हैं आलोक रंजन. इतना ही नहीं, अपने बेटे के रिसेप्शन में तोहफे के तौर पर मिले कथित एक बेशकीमती हार की तथाकथित चोरी में दो कर्मचारियों पर जानलेवा हमले और शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का भी मामला उछल चुका आलोक रंजन पर. इसी बरस की 27 फरवरी को हुए इस मामले में आलोक रंजन के इशारे पर पुलिस और एसटीएफ ने नाफेड के एक क्लर्क और यूपी बीज निगम के चपरासी को दो महीने तक राजधानी के अलग-अलग थानों-कोतवालियों में अवैध रूप से हवालात में बंद रखा था. इस मामले के अतिरिक्त भी अपनी पत्नी के सौंदर्य पर दाग को लेकर एक ब्यूटी पार्लर के घर तांडव कर चुके हैं आलोक रंजन.
अलोक को सेवा विस्तार नहीं देगी सरकार
गौरतलब है कि तीन महीने पहले ही उन्हें राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के पद पर सेवा-विस्तार दे दिया था. लेकिन उनका यह कार्यकाल इसी महीने जून में खत्म हो रहा है. खबर है कि राज्य सरकार उन्हें अब नया सेवा विस्तार नहीं देगी बल्कि उन्हें केबिनेट मंत्री स्तर के पद पर आसीन करने के लिए एक नया प्राधिकरण गठित कर उसका मुखिया बना देगी. बताया जाता है कि सरकार उन्हें नये प्राधिकरण का प्रमुख बनाने का फैसला कर चुकी है. मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के एनेक्सी भवन में पहले से भी इस बात की चर्चाएं चलती रही हैं.
साहब का बढ़ेगा ओहदा
मुख्य सचिव कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि साहब को प्रदेश में जमीन-जायदाद को लेकर बनाये जाने वाले एक प्राधिकरण का चीफ बना दिया जाने की खबर है. मुख्य सचिव कार्यालय के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि साहब का ओहदा अब केबिनेट स्तर के मंत्री का होगा.
कई घोटालों में रंजन के खिलाफ चल रही है जांच
उल्लेखनीय है कि आलोक रंजन करीब 15 साल पहले हुए राष्ट्रीय उपक्रम नाफेड में हुए एक अरबों रूपयों के घोटालों को लेकर फंसे हुए हैं. इससे जुड़े तीन मामलों की जांच का काम सीबीआई अभी तक कर रही है. इसके अलावा भी कई मामलों में भी फंसे हुए हैं आलोक रंजन. इतना ही नहीं, अपने बेटे के रिसेप्शन में तोहफे के तौर पर मिले कथित एक बेशकीमती हार की तथाकथित चोरी में दो कर्मचारियों पर जानलेवा हमले और शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का भी मामला उछल चुका आलोक रंजन पर. इसी बरस की 27 फरवरी को हुए इस मामले में आलोक रंजन के इशारे पर पुलिस और एसटीएफ ने नाफेड के एक क्लर्क और यूपी बीज निगम के चपरासी को दो महीने तक राजधानी के अलग-अलग थानों-कोतवालियों में अवैध रूप से हवालात में बंद रखा था. इस मामले के अतिरिक्त भी अपनी पत्नी के सौंदर्य पर दाग को लेकर एक ब्यूटी पार्लर के घर तांडव कर चुके हैं आलोक रंजन.