‘सदियों का संकल्प पूरा हुआ’—CM योगी ने कहा : लाठी-गोली खाने के बाद भी आंदोलनकारियों की एक ही आवाज थी, ‘रामलला आएंगे, मंदिर वहीं बनेगा’

Update: 2025-11-25 10:47 GMT


रिपोर्ट : विजय तिवारी

अयोध्या / लखनऊ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन की ऐतिहासिक यात्रा को याद करते हुए कहा कि भारत में ऐसा कोई आंदोलन नहीं हुआ, जिसमें पीढ़ियों ने संघर्ष सहा हो और फिर भी एक ही संकल्प लगातार गूंजता रहा हो—‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।’

उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान अनेक कार्यकर्ताओं ने लाठियाँ खाईं, जेल गए, गोलियों का सामना किया, लेकिन संकल्प नहीं टूटा। आज उस तप, त्याग और आस्था का परिणाम भव्य राम मंदिर के रूप में सामने है।

CM योगी का प्रखर संबोधन—‘जिसे इतिहास मिटा नहीं सका, उसे आस्था ने पुनर्जीवित किया’

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा—

“राम मंदिर आंदोलन का हर अध्याय संघर्ष की कहानी है। सत्ता बदलती रही, परिस्थितियाँ बदलती रहीं, लेकिन रामभक्तों का विश्वास अडिग रहा।”

“अयोध्या में रामलला के दर्शन आज केवल धार्मिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय समाज की धैर्य और दृढ़ता की जीत है।”

उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन सिर्फ राजनीतिक संघर्ष नहीं था, बल्कि सांस्कृतिक चेतना, जन-एकता और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक था।

लाठी-गोली खाने वालों का बलिदान याद किया

सीएम योगी ने उस दौर के आंदोलनकारियों को स्मरण करते हुए कहा—

हजारों युवाओं और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी झेली।

कई राज्यों में आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग हुआ।

अनेक परिवारों ने वर्षों तक संघर्ष का दर्द सहा।

उन्होंने कहा कि आज रामलला विराजमान हैं, तो इसके पीछे करोड़ों भारतीयों का समर्पण, आस्था और अहिंसक संघर्ष खड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया ऐतिहासिक मोड़

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि:

सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले ने देश को शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता दिया।

यह निर्णय भारतीय न्यायपालिका की दृढ़ता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जनता के विश्वास को मजबूत करता है।

इससे अयोध्या विवाद का अध्याय सद्भाव और संवैधानिक तरीके से समाप्त हुआ।

अयोध्या के विकास को ‘नया गौरव अध्याय’ बताया

सीएम योगी ने कहा कि आज अयोध्या वैश्विक धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन चुकी है।

उन्होंने प्रमुख विकास कार्यों का उल्लेख किया—

अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा

राम पथ, जन्मभूमि पथ और भव्य सड़कें

सरयू रिवरफ्रंट

सांस्कृतिक कॉरिडोर और होटेल-ढांचा

लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री ने कहा—“रामलला मंदिर केवल धार्मिक धरोहर नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक राजधानी का उदय है।”

शांति और सद्भाव का संदेश

योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के अंत में कहा—

“राम का मार्ग सत्य, साहस और सेवा का मार्ग है। मंदिर बनने के बाद हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि हम समाज में शांति, सौहार्द और एकता को मजबूत करें।”

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