महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ती तकरार—BJP और शिंदे शिवसेना के बीच खिंचाव खुलकर सतह पर
रिपोर्ट : विजय तिवारी
महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के बीच रिश्तों में अचानक आई तल्खी अब खुलकर दिखाई देने लगी है। ताजा विवाद तब उभरा जब राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में शिवसेना (शिंदे गुट) के कई मंत्री अनुपस्थित रहे। उनकी गैरहाजिरी ने तुरंत ही राजनीतिक गलियारों में “बायकॉट” की चर्चा तेज कर दी।
शिवसेना ने BJP पर लगाया ‘पोचिंग’ का आरोप
कैबिनेट मीटिंग में अनुपस्थिति को लेकर उठ रहे सवालों के बीच शिंदे गुट के नेताओं ने BJP पर सीधा हमला बोला। उनका आरोप है कि भाजपा उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है, जिससे गठबंधन के भीतर अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है। शिंदे खेमे के नेताओं का कहना है कि लगातार जारी “पॉलिटिकल प्रेशर” ने उनके विधायकों में नाराजगी बढ़ा दी है।
फडणवीस ने दी कड़ी चेतावनी—‘रिश्तों में अनुशासन जरूरी’
इन आरोपों के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थिति पर सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी दल को गठबंधन की मर्यादा और अनुशासन का पालन करना होगा। फडणवीस ने इशारों-इशारों में यह भी चेतावनी दी कि अगर अंदरूनी खींचतान यूं ही जारी रही, तो सरकार के कामकाज पर असर पड़ सकता है।
राज्य में राजनीतिक समीकरण फिर बदलने की चर्चाएँ तेज
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता की आशंकाएँ बढ़ा दी हैं। बीते दो साल में सत्ता की अदला-बदली और गठबंधनों के फेरबदल ने राज्य को लगातार सुर्खियों में रखा है। अब BJP और शिंदे गुट के बीच तकरार ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गठबंधन आगे भी सहजता से चल पाएगा या फिर राज्य की राजनीति नया मोड़ लेगी।
अंदर खाने कई मुद्दों पर असहमति
सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों के बीच मंत्रालयों के कामकाज, राजनीतिक दावेदारी और जमीन पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा जैसे कई मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। शिवसेना के नेता मानते हैं कि पार्टी को वह राजनीतिक स्पेस नहीं मिल पा रहा जिसकी उन्हें उम्मीद थी। वहीं BJP का दावा है कि सरकार में सभी साथियों को बराबर सम्मान दिया जा रहा है।