श्रीलंका में साइक्लोन ‘दितवाह’ का प्रचंड कहर — बाढ़ और लैंडस्लाइड से 56 मौतें, 22 लापता; भारत ने राहत और विशेषज्ञ टीमें भेजीं

Update: 2025-11-28 13:25 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

श्रीलंका इस समय साइक्लोन ‘दितवाह’ के विनाशकारी प्रभाव से गुजर रहा है। लगातार मूसलाधार बारिश, बाढ़ और पहाड़ी क्षेत्रों में हुए विशाल भूस्खलनों ने हालात को अंतरराष्ट्रीय आपदा जैसी स्थिति में बदल दिया है। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार अब तक 56 लोगों की मौत की पुष्टि, जबकि 22 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

लगभग 44 हजार से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं; हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर बने अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। तेज़ हवाओं, टूटे बांधों, डूबे गांवों और जलभराव ने जीवन के हर क्षेत्र को ठप कर दिया है।

मध्य और पहाड़ी जिलों में तबाही सबसे गंभीर

राजधानी कोलंबो, कैंडी, नुवारा एलिया, बदुला, रत्नापुरा, गाले और मातारा सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं।

पिछले 24 घंटों में कई स्थानों पर 300 मिमी से अधिक वर्षा ने सड़कों, पुलों, बिजली और पेयजल आपूर्ति नेटवर्क को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है।

नदी-तालाबों के जलस्तर के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने पर प्रशासन ने आपातकालीन अलर्ट जारी किया है। कई पहाड़ी घर मिट्टी में समा गए हैं और कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है।

परिवहन व्यवस्था ध्वस्त — उड़ानें डायवर्ट, ट्रेनें बंद

तेज़ हवाओं और कम दृश्यता के चलते कोलंबो एयरपोर्ट से कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को डायवर्ट या रद्द करना पड़ा।

रेल और बस सेवाएं बंद रहने से दैनिक जीवन ठहर गया है; आवश्यक सेवाओं की आवाजाही भी बाधित है।

समुद्र में उग्र लहरें — मछुआरों को चेतावनी

तटीय क्षेत्रों में समुद्र का उग्र रूप डराने वाला है।

स्टॉर्म सर्ज यानी अत्यधिक ऊंची समुद्री लहरों की संभावना को देखते हुए सरकार ने मछुआरों के समुद्र में जाने पर पूर्ण रोक लगा दी है।

कई बंदरगाहों पर जहाजों की गतिविधि रोक दी गई है।

भारत ने बढ़ाया सहायता का हाथ — राहत सामग्री, मेडिकल उपकरण और रेस्क्यू विशेषज्ञ रवाना

मानवीय आधार पर भारत ने श्रीलंका के लिए त्वरित राहत अभियान प्रारंभ किया है।

समुद्री मार्ग से इमरजेंसी मेडिकल सप्लाई, पानी-शुद्धिकरण उपकरण, दवाइयां, भोजन पैकेट और बचाव उपकरण भेजे जा रहे हैं।

भारतीय नौसेना और विशेषज्ञ रेस्क्यू टीमें भी रवाना की गई हैं ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।

भारत ने आश्वासन दिया है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति शोक व्यक्त किया और कहा कि

“भारत श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है और हर संभव सहायता प्रदान करेगा।”

भारत के दक्षिणी तटों के लिए चेतावनी — तीन राज्यों में हाई-अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार दितवाह अब दिशा बदलते हुए भारत के दक्षिणी तट की ओर बढ़ रहा है।

तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और 90–110 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की गई है।

निचले इलाकों में जलभराव और समुद्री तूफान जैसी परिस्थितियों की संभावना जताई गई है।

राहत-बचाव जारी, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका

सेना, नेवी, एयरफोर्स और SDRF टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगातार ऑपरेशन चला रही हैं।

प्रशासन को आशंका है कि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हो सकते हैं, जिससे मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ गया है, और कई जिलों में चिकित्सीय आपात स्थिति जैसे हालात हैं।

साइक्लोन ‘दितवाह’ ने श्रीलंका को हाल के वर्षों की सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदाओं में से एक झटका दिया है।

जन-धन की भारी क्षति, बुनियादी ढांचे का व्यापक नुकसान और हजारों परिवारों का विस्थापन इसकी गंभीरता को दर्शाता है।

इस विकट स्थिति से उबरने के लिए तेज़ राहत-बचाव अभियान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही एकमात्र उम्मीद बनकर उभरा है।

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