कनिष्ठ लिपिक शिवम की दुर्घटना में मौत का प्रकरण, एडीएम (भूमि अध्याप्ति) 15 दिन में देंगे जांच रिपोर्ट
लंबे समय बाद प्रशासन बैकफुट पर, कराएगा मजिस्ट्रेट जांच
अयोध्या: पहली बार समाजवादी पार्टी के आंदोलन पर जिला प्रशासन बैकफुट पर आया। इससे पहले पार्टी में जितने भी धरना प्रदर्शन व प्रेस वार्ता को उनको हल्के में लिया। सोहावल तहसील में तैनात कनिष्ठ लिपिक शिवम यादव के उत्पीड़न में घिरे उपजिलाधिकारी अभिषेक सिंह की मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। बढ़ते विवाद के बाद जिला मजिस्ट्रेट चंद्र विजय सिंह ने तहसील बीकापुर में उपजिलाधिकारी न्यायिक पद पर भेजा गया है। रात में सांसद अवशेशप्रसाद, पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय, अमृत राजपाल आदि जिला चिकित्सालय के सामने धरना शुरू कर देने से जिला मजिस्ट्रेट चंद्र विजय सिंह को मौके पर आकर मजिस्ट्रेट की जांच के आदेश का आश्वासन देना पड़ा तब जाकर रात लगभग 2:00 बजे के बाद ये सभी धरने से उठे। उप जिला अधिकारी अभिषेक सिंह पर लगे आरोपों के विरुद्ध मजिस्ट्रेटी जांच अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति अरुणमणि तिवारी को जिला मजिस्ट्रेट ने सौंपी है। 15 दिन में मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट उनको सौंपना है। शनिवार की देर सायं शिवम यादव की घर लौटते समय सआदतगंज में मौत हो गई। वह रानोपाली का रहने वाला था। पिता राजकुमार यादव सीआरपीएफ में कोबरा कमांडों थे। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में अप्रैल 2021 को बलिदान हो गया था। तीन पहले ही कलेक्ट्रेट में उसे पिता के बलिदान होने से मृतक आश्रित में नौकरी मिली थी।
उप जिलाधिकारी अभिषेक सिंह पर उत्पीड़न के साथ सबसे गंभीर आरोप अपने कार्यालय के कक्ष में बुलाकर नाई को बुलाकर धार्मिक भावनाओं के विपरीत सिर मुड़वा देने का है। जिला मजिस्ट्रेट के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश में इसका उल्लेख है। लगभग तीन महीने पहले जिले में एसडीएम पद पर उनकी पहली तैनाती रही। इससे पहले वह मंदिर मजिस्ट्रेट रहे।
मजिस्ट्रेटी जांच से पहली बार उनका सामना हुआ है। शिवम का परिवार उनके विरुद्ध एफआइआर व निलंबन पर अड़ा हुआ है। इससे स्पष्ट है कि मजिस्ट्रेटी जांच में उनके विरुद्ध उसके स्वजन मजबूती से गवाही देंगे। माना जा रहा है कि यह उनके विरुद्ध कार्रवाई का आधार बनेगा। चर्चा है कि परिवार के लोग बाल कटवाने के प्रकरण में राज्य मानवाधिकार आयोग से भी शिकायत करने की तैयारी है। विवादों में बने रहना सभवत: उपजिलाधिकारी का शौक रहा। तीन दिन पहले वह तहसील के मंगलसी गांव में पूर्व प्रधान रामचेत यादव की प्रतिमा लगाने के लिए होने वाले निर्माण सार्वजनिक भूमि पर मिलने की शिकायत के बाद बुलडोजर भेजकर उसे ढहा दिया। सपा नेता रामचेत यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य व कई बार प्रधान रहे। बिना किसी नोटिस दिए हुए पुलिस टीम को भेजकर ढहाने से नाराज समाजवादी पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी से मिलकर उनके कार्यशैली की शिकायत की। फिर भी कार्यशैली के अंदाज में उनके कमी नहीं आई।