कृषि विज्ञान केंद्र धौरा उन्नाव में मनाया गया विश्व मधुमक्खी दिवस।

Update: 2025-05-20 13:26 GMT


कृषि विज्ञान केंद्र धौरा उन्नाव में 20 मई 2025 दिन मंगलवार को राष्ट्रीय बी बोर्ड नई दिल्ली के मार्गदर्शन में मनाया गया विश्व मधुमक्खी दिवस जिसमे लगभग 45 प्रगति शील कृषकों ने प्रतिभाग किया। डॉ जय कुमार यादव नोडल मधुमक्खी पालन परियोजना ने बताया कि विश्व मधुमक्खी दिवस हर साल 20 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व को बढ़ावा देना और उनकी सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाना है। मधुमक्खियाँ परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो पौधों की प्रजनन प्रक्रिया के लिए आवश्यक है और खाद्य सुरक्षा में योगदान करती हैं। इस दिवस के माध्यम से लोगों को मधुमक्खियों के संरक्षण और उनके आवासों की सुरक्षा के प्रति प्रेरित किया जाता है, ताकि हम इन महत्वपूर्ण कीटों की रक्षा कर सकें और उनके महत्व को समझ सकें। डॉ ए के सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान ने कृषकों को मधुमक्खियों के लाभों के बारे में जानकारी दी। डॉ धीरज कुमार तिवारी प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र ने बताया मधुमक्खियों से कई महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं जैसे: परागण: मधुमक्खियाँ पौधों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ती है। शहद उत्पादन: मधुमक्खियाँ शहद का उत्पादन करती हैं, जो एक पौष्टिक और औषधीय गुणों वाला खाद्य पदार्थ है। रत्ना सहाय वैज्ञानिक मृदा विज्ञान ने बताया कि पर्यावरण संतुलन: मधुमक्खियाँ पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने में मदद करती हैं।किसान भाई मधुमक्खी पालन करके अपना योगदान कर सकते हैं। और साथ ही साथ बताया कि किसान भाई मधुमक्खी पालन करने से आर्थिक लाभ: भी उठा सकते हैं। मधुमक्खी पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है, जिससे लोगों को आय प्राप्त होती है। जिससे मधुमक्खियों के इन लाभों को देखते हुए, उनका संरक्षण और संवर्धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में डॉ ए के सिंह, डा धीरज कुमार तिवारी, रत्ना सहाय, इंजीनियर रमेश चंद्र मौर्य, सुनील सिंह डा जय कुमार यादव, डा विनीता सिंह, शांतनु सिंह, अनुभव सिंह एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।

Similar News