घोसी उपचुनाव : शिवपाल यादव ने किया सुजीत सिंह के नाम का ऐलान, अखिलेश यादव ने दी सहमति — सपा ने शुरू की जीत की रणनीति
रिपोर्ट : विजय तिवारी
मऊ। घोसी विधानसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपना पत्ता खोल दिया है। मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 को मऊ पहुंचे सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि स्वर्गीय विधायक सुधाकर सिंह के पुत्र सुजीत सिंह आगामी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। इस मौके पर भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि सुजीत सिंह जनता के बीच अपने पिता की अधूरी जिम्मेदारियों को पूरा करने के संकल्प के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस निर्णय पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी सहमति लगभग तय हो चुकी है। अखिलेश ने सुधाकर सिंह के परिवार से मुलाकात कर भरोसा जताया कि पार्टी सुजीत को पूरा सहयोग देगी और उनके पिता की विरासत का सम्मान बनाए रखेगी।
क्यों अहम है यह फैसला
घोसी विधानसभा सीट दिवंगत विधायक सुधाकर सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई है। वे क्षेत्र में मजबूत जनाधार वाले और जमीन से जुड़े नेता माने जाते थे। स्थानीय स्तर पर उनकी लोकप्रियता और विकास कार्यों ने इस सीट को राजनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील बना दिया है। ऐसे में उनके पुत्र को उम्मीदवार बनाना सपा का भावनात्मक और रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
पार्टी की कोशिश है कि सद्भावना, सहानुभूति और संगठनात्मक मजबूती को एकसाथ जोड़कर सीट को बरकरार रखा जाए। यह उपचुनाव पूर्वांचल और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
सियासी हलचल तेज
सपा ने उम्मीदवार का नाम घोषित कर मैदान साफ किया, जबकि अब निगाहें प्रतिद्वंद्वी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर टिक गई हैं, जिसने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
स्थानीय जातीय समीकरण और विभिन्न दलों की सक्रियता को देखते हुए यह चुनाव बेहद रोचक और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सुजीत सिंह के नाम की घोषणा के साथ ही घोसी उपचुनाव का माहौल गरम हो गया है। एक ओर पिता की विरासत और जनता का भावनात्मक जुड़ाव, दूसरी ओर राजनीतिक समीकरणों की जंग — यह मुकाबला पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा असर छोड़ सकता है।
घोसी सीट अब सिर्फ एक उपचुनाव नहीं, बल्कि 2027 के चुनावी परिदृश्य की दिशा तय करने वाला महत्वपूर्ण संकेतक बनती दिख रही है।