फतेहपुर में साइबर ठग गिरोह का सफाया — फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ब्लैकमेल करने वाले गिरफ्तार
रिपोर्ट : विजय तिवारी
फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 16 पर मुकदमा, तीन गिरफ्तार – चार मोबाइल बरामद
फतेहपुर। साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने सेक्सटॉर्शन और ऑनलाइन ठगी में सक्रिय एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाने और उनसे पैसे वसूलने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है।
इस प्रकरण में कुल 16 अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज है। आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, जिनका उपयोग ठगी के लिए किया जा रहा था।
गिरोह का तरीका—धमकी, ब्लैकमेल और ठगी
जांच से पता चला कि यह गिरोह फोन पर खुद को
पुलिस अधिकारी,
साइबर सेल कर्मी
या कानूनी अधिकारी
बताकर लोगों को भयभीत करता था।
पहले संदिग्ध वीडियो कॉल के जरिए जाल बिछाया जाता, फिर अश्लील वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल किया जाता और कार्रवाई की धमकी देकर पैसा वसूला जाता था। उनके निशाने पर अलग-अलग राज्यों के लोग आते थे।
गाजीपुर थाना क्षेत्र से तीन गिरफ्तार
तकनीकी विश्लेषण के आधार पर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल लेन-देन की पड़ताल की गई। इसके बाद गाजीपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में दबिश देकर तीन आरोपियों को पकड़ा गया। बाकी नामजद अभियुक्तों की तलाश जारी है।
आगे की कार्रवाई
बरामद मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल सामग्री को विस्तृत परीक्षण के लिए भेजा गया है। पुलिस अब गिरोह की वित्तीय गतिविधियों, संपर्कों और पीड़ितों की पहचान को खंगाल रही है। फरार अभियुक्तों पर भी तेजी से कार्रवाई चल रही है।
पुलिस की चेतावनी—युवाओं के लिए विशेष संदेश
पुलिस ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा है कि—
किसी भी अंजान वीडियो कॉल या लिंक को न खोलें,
अपनी निजी जानकारी अनजान व्यक्तियों के साथ साझा न करें,
किसी फर्जी अधिकारी की धमकी में न आएं,
संदिग्ध गतिविधि पाए जाने पर तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
इसके साथ ही युवाओं को यह स्पष्ट संदेश भी दिया गया कि—
“गलत काम में कदम रखने से पहले सोचें। अपराध से भविष्य नहीं बनता, बल्कि जीवन बरबाद होता है। ईमानदारी से चलेंगे तो किसी भी भय का सामना नहीं करना पड़ेगा।”