सहारा इंडिया पर बड़ी कार्रवाई : कार्यकारी प्रमुख ओ.पी. श्रीवास्तव ईडी के शिकंजे में
रिपोर्ट : विजय तिवारी
सहारा इंडिया समूह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच एक बड़े मोड़ पर पहुँच गई है। कार्यकारी प्रमुख ओ.पी. श्रीवास्तव को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया है, जहां उन्हें प्रारंभिक पूछताछ के बाद आधिकारिक तौर पर हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तारी उन मामलों से जुड़ी है जिनमें निवेशकों के पैसे लौटाने में देरी, जमा धन की गलत तरीके से खपत और जमीन सौदों में कथित गड़बड़ियों जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
ईडी की जांच में क्या मिला?
जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में ईडी ने सहारा समूह की जमीन खरीद-बिक्री, निवेशकों से जुटाई धनराशि और उससे जुड़े बैंकिंग ट्रेल की गहन जांच की।
एजेंसी को यह संकेत मिले कि—
कई शेल कंपनियों के जरिए लेन-देन किए गए,
कुछ जमीन सौदे वास्तविक मूल्य से कई गुना अधिक दिखाए गए,
और निवेशकों से जुटाए धन का उचित उपयोग और रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहा था।
इन्हीं बिंदुओं पर सबूत मजबूत होने के बाद ओ.पी. श्रीवास्तव से लगातार पूछताछ की जा रही थी, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई।
रिमांड पर गहरी पूछताछ होगी
ईडी अब श्रीवास्तव के कस्टोडियल रिमांड की मांग करेगी, ताकि—
संदिग्ध लेन-देन को संचालित करने वाले असल नेटवर्क,
जमीन सौदों के पीछे किसका निर्देश था,
और निवेशकों के पैसे किस चैनल में डायवर्ट हुए,
इन सभी पहलुओं पर और विस्तार से जानकारी जुटाई जा सके।
अन्य पदाधिकारियों पर भी नजर
सहारा समूह के कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिकाएं भी जांच के दायरे में हैं। ईडी के संकेत बताते हैं कि कई और गिरफ्तारियां या नोटिस आने वाले दिनों में संभव हैं, क्योंकि समूह से जुड़े कई पुराने केसों में नए सिरे से दस्तावेज़ और बैंकिंग डेटा खंगाले जा रहे हैं।
निवेशकों में बढ़ी चिंता
लाखों निवेशकों के पैसे वर्षों से फंसे पड़े हैं। ईडी की इस कार्रवाई को निवेशकों की उम्मीद से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि कई मामलों में लंबे समय से भुगतान अटका हुआ है। जांच एजेंसी का फोकस यही है कि निवेशकों के फंड की असली स्थिति और उपयोग स्पष्ट हो सके।