मां भारती की आंखों के तारा... फ्लाइंग सिख

Update: 2021-06-20 02:11 GMT

मां भारती की आंखों के तारा।

फ्लाइंग सिख सबका था प्यारा।।

छोड़कर कर हमें इस तरह जाना।

गम में प्रशंसक डूबे जग सारा।।

परास्त कर विरोधियों को।

देश का मान थे बढ़ाते।।

खट्टे कर देते थे दांत।

हाथ किसी के न आते।।

वायु के वेग से तीव्र।

दौड़ थे वो लगाते।।

इसलिए तो फ्लाइंग।

सिख थे कहलाते।।

कई स्वर्ण पदक हैं।

अंकित उनके नाम।।

नतमस्तक रहेगा जग।

सदैव करता रहेगा सलाम।।

हे प्रभु यही है आप से विनती।

उन्हें दो अपने श्री चरणों में स्थान

गर वो दुबारा जन्म भी लें।

यही की मिट्टी भारत हो स्थान।।

अभय सिंह ...........

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