तेज प्रताप यादव की नई पार्टी ने NDA को दिया नैतिक समर्थन, रोहिणी आचार्य को राष्ट्रीय संरक्षक बनाने की तैयारी—बिहार की सियासत में नया समीकरण

Update: 2025-11-16 13:17 GMT


डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेती दिख रही है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के जरिए राज्य की सियासत में एक नया मोर्चा खोल दिया है। पार्टी की अहम बैठक में लिए गए फैसलों ने पटना से दिल्ली तक राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।

NDA को नैतिक समर्थन — क्यों अहम है यह कदम?

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि JJD एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन देगी।

सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले के पीछे कई कारण हैं—

केंद्र में स्थिरता और मौजूदा विकास परियोजनाओं को तेज़ी देने की जरूरत

बिहार में राजनीतिक टकराव कम कर सहयोगी माहौल तैयार करने की रणनीति

युवा और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास

तेज प्रताप का हालिया बयान—“राजनीति में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य जरूरी है”

तेज प्रताप यादव ने मीडिया से कहा कि, “हम किसी की आलोचना के लिए नहीं, समाधान के लिए राजनीति कर रहे हैं।”

उनका यह तेवर राजनीतिक संदेशों से भरा माना जा रहा है।

रोहिणी आचार्य पर बड़ा दांव

बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश हुआ—

रोहिणी आचार्य को JJD पार्टी का राष्ट्रीय संरक्षक बनाना।

पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि—

रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया और जन-सरोकार के मुद्दों पर बेहद सक्रिय हैं

स्वास्थ्य, महिलाओं और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर उनकी पकड़ मजबूत है

हाल के वर्षों में उन्होंने परिवारिक विवादों पर भी मुखर स्टैंड लेकर जनता के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है

बिहार और प्रवासी बिहारी समुदाय में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ी है

इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर जल्द लगने की संभावना जताई गई है।

बैठक में और क्या हुआ? — अंदरूनी रिपोर्ट

पार्टी की बैठक में कई बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं—

बिहार के विभिन्न जिलों में संगठन विस्तार

2026 तक के लिए दीर्घकालिक राजनीतिक रोडमैप

युवा विंग और महिला विंग को नई जिम्मेदारियाँ

पार्टी के डिजिटल कैंपेन को मजबूत करने की योजना

विधानसभा क्षेत्रों में “जनसुनवाई कार्यक्रम” शुरू करने का प्रस्ताव

पार्टी सूत्रों के अनुसार, तेज प्रताप ने खासतौर पर किसानों, छोटे व्यापारियों और बेरोजगार युवाओं की समस्याओं को प्राथमिकता में रखने को कहा।

तेज प्रताप का नया पॉलिटिकल अवतार?

पिछले कुछ महीनों में तेज प्रताप यादव—

सार्वजनिक कार्यक्रमों में ज्यादा सक्रिय हुए,

धार्मिक कार्यक्रमों और सामाजिक यात्राओं में उनकी मौजूदगी बढ़ी,

और कई मौकों पर उन्होंने सरकार से सीधे संवाद की कोशिश भी की।

विशेषज्ञों का मानना है कि तेज प्रताप “अलग राजनीतिक पहचान” बनाने की कोशिश में हैं, जहाँ वह न पूरी तरह विपक्ष में दिखना चाहते, न पूरी तरह सत्ता पक्ष में। यह रणनीति उन्हें नए वोट बैंक तक पहुंचाने का प्रयास माना जा रहा है।

बिहार की राजनीति पर असर

यह फैसला कई मायनों में अहम है—

महागठबंधन के भीतर पहले से चल रही खटास और तनाव और बढ़ सकता है

JJD की एन्ट्री से RJD के पारंपरिक वोट बैंक में नई चुनौती पैदा होने की संभावना

NDA को एक “नए सहयोगी चेहरों” का लाभ मिल सकता है

रोहिणी आचार्य की सक्रियता से युवा और महिला मतदाताओं पर असर पड़ सकता है

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में यह समीकरण और दिलचस्प मोड़ ले सकता है।

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