बिहार में सत्ता का नया समीकरण : नीतीश की 10वीं पारी, सम्राट–विजय की एंट्री से NDA हुआ और मजबूत

Update: 2025-11-20 09:18 GMT


रिपोर्ट : विजय तिवारी

शपथ-ग्रहण समारोह में 26 नए मंत्रियों ने ली शपथ, बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा दिखी.

बिहार की राजनीति ने मंगलवार को एक बार फिर बड़ा मोड़ देखा, जब नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपना राजनीतिक कद और मजबूत किया। पटना के गांधी मैदान में हुआ यह भव्य शपथ-ग्रहण समारोह केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि NDA के भीतर नई शक्ति-संरचना का भी प्रतीक बन गया।

उपमुख्यमंत्री पद पर सम्राट–विजय की जोड़ी

इस बार भाजपा ने अपना दांव और स्पष्ट कर दिया—दो डिप्टी CM देकर पार्टी ने न केवल अपने राजनीतिक वजन को बढ़ाया, बल्कि शासन की हर परत में अपनी सक्रिय भूमिका भी सुनिश्चित कर दी।

सम्राट चौधरी, जो संगठन से लेकर जमीन पर आक्रामक छवि के लिए जाने जाते हैं, अब सरकार का चेहरा भी बनेंगे।

विजय कुमार सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष से लेकर तेजस्वी यादव पर सीधे हमलों तक, एक सधे हुए राजनीतिक योद्धा की छवि रखते हैं।

दोनों नेताओं की मौजूदगी बताती है कि भाजपा आने वाले वर्षों में बिहार की राजनीति में और गहराई से पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।

गठबंधन की बड़ी जीत और राजनीतिक संदेश

243 सीटों वाली विधानसभा में NDA को मिली भारी 202 सीटों की जीत इस सरकार की रीढ़ है।

भाजपा—89 सीट

जद (यू)—85 सीट

यह नतीजा बताता है कि जनता के बीच “स्थिर सरकार” और “विकास का मॉडल” फिर से स्वीकार किया गया है। नीतीश कुमार का राजनीतिक अनुभव और भाजपा की संगठन क्षमता—दोनों की साझेदारी ने एक बार फिर सत्ता का रास्ता साफ किया।

मंत्रिमंडल में 26 चेहरों की एंट्री—संतुलन और संदेश दोनों

शपथ-ग्रहण में 26 मंत्रियों को शामिल किया गया है। यह टीम क्षेत्रीय और जातीय संतुलन का एक परफेक्ट मिश्रण मानी जा रही है।

अति पिछड़ा वर्ग

दलित वर्ग

महिला प्रतिनिधित्व

अल्पसंख्यक

युवा चेहरा

सभी को जगह देकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि सामाजिक संतुलन और राजनीतिक स्थिरता—दोनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

गांधी मैदान में शक्ति-प्रदर्शन

शपथ-समारोह में केंद्र और राज्य के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी ने ही यह साफ कर दिया कि NDA इस बार किसी तरह का मौका नहीं छोड़ना चाहता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी CM को शुभकामनाएँ देकर स्पष्ट संदेश दिया—“बिहार में विकास की रफ्तार तेज रखना है।”

सरकार की प्राथमिकताएँ—पहले 100 दिन ही असली परीक्षा

नई सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियाँ हैं—

अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था पर सख्त कदम

युवाओं के लिए नई रोजगार नीति

बुनियादी ढांचे—सड़क, बिजली, स्वास्थ्य के सेक्टर में गति

किसानों के लिए स्थिर समर्थन नीति

राज्य में निवेश बढ़ाने के प्रयास

नीतीश कुमार की “गुड गवर्नेंस” की छवि और भाजपा की “तेज व निर्णायक” शैली का यह संयोजन आने वाले दिनों में कई बड़े फैसलों की ओर इशारा करता है।

राजनीतिक माहौल में नई गर्मी

शपथ-ग्रहण के बाद विपक्ष में हलचल तेज है। महागठबंधन की रणनीति अब पूरी तरह पुनर्विचार मोड में है।

NDA के भीतर दो डिप्टी CM और मजबूत मंत्रिमंडल ने साफ संकेत दिया है कि यह सरकार स्टेबल भी है और आक्रामक भी।

इस शपथ-ग्रहण ने बिहार की सत्ता का नया अध्याय खोल दिया है। नीतीश कुमार की अनुभवपूर्ण नेतृत्व क्षमता, भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री और 26 मंत्रियों की टीम—यह पूरा सेटअप बताता है कि सरकार “तेज और निर्णायक” मोड में काम करने को तैयार है।

जनता की नजर अब एक ही चीज़ पर है—विकास की रफ्तार कितनी बढ़ती है।

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