रखा था संजोकर, आ गया है फरमान .......... दो हजार अब विदा

Update: 2023-05-21 05:31 GMT

अभय सिंह। ..........

चलन से हुआ बाहर।

हो गया अब ऐलान।।

रखा था संजोकर।

आ गया है फरमान।।

जैसे ही आई खबर।

लोग सारे परेशान।।

जोरों पर है चर्चा।

शहर गांव स्थान।।

करना है अब जमा

शीघ्र करना है काम।।

अवधि तो है कम।

होना नही नाकाम।।

आखिर क्या माजरा?

कोई न रहा जान।।

तनिक भी नही था।

किसी को यह भान।।

हमारे वश का नही।

वो है जो सरकार।।

दो हजार अब विदा।

करना है स्वीकार।।

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