तेज प्रताप ने कहा-मेरे साथ जो हुआ वो सह गया, लेकिन बहन की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं
लालू प्रसाद यादव के परिवार के अंदर की कलह हर बीतते दिन के साथ और तेज होती दिख रही है. शनिवार को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने के साथ-साथ परिवार से नाता तोड़ने की बात करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे. इने आरोपों के बाद भी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कई आरोप लगाए. रोहिणी के उन सोशल मीडिया के बाद से ही लालू परिवार में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इन सब के बीच अब रोहिणी आचार्य को अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव का साथ मिलता दिख रहा है. उन्होंने रविवार को एक भावुक पोस्ट कर अपनी बात कही है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया लेकिन मेरी बहन के साथ जो अपमान हुआ वह किसी भी हाल में असहनीय है. जब से मेरी रोहिणी बहन के चप्पल उठाने की खबर सुनी है है दिल की आहट अब अग्नि बन चुकी है. कल की घटना ने दिल को भीतर से झकझोर दिया है.
उन्होंने इस पोस्ट में बगैर किसी का नाम लिए आगे लिखा कि सुन लो जयचंदों परिवा पर वार करोगे तो बिहार की जनता तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेगी. जबसे मेरी रोहिणी बहन के चप्पल उठाने की खबर सुनी, दिल की आहत अब अग्नि बन चुकी है. जब जनमानस की भावनाएं आहत होती हैं. तो बुद्धि पर पड़ी धूल उड़ जाती है. इन चंद चेहरों ने तेजस्वी की भी बुद्धि पर परदा डाल दिया है. इस अन्याय का परिणाम बेहद भयावह होगा. समय का लेखा-जोखा बड़ा कठोर है.
तेज प्रताप यादव ने आगे कहा कि मैं माननीय RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे पिता, मेरे राजनीतिक गुरु श्री लालू प्रसाद जी से आग्रह करता हूँ कि पिता जी, एक संकेत दीजिए… आपका केवल एक इशारा और बिहार की जनता इन जयचंदों को जमीन में गाड़ देने का काम खुद कर देगी. यह लड़ाई किसी दल की नहीं, परिवार के सम्मान, बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान की लड़ाई है.
रोहिणी और तेजस्वी में क्यों हुई बहस
सूत्रों के अनुसार, कल दोपहर मे रोहिणी के साथ तेजस्वी की बहस हुई थी. रोहिणी ने हार की समीक्षा और जिम्मेदारी की बात कही. इसी दौरान तेजस्वी से ये भी कहा कि संजय यादव को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का जवाब हमें देना चाहिए. इस पर तेजस्वी से रोहिणी की बहस हो गई. तब तेजस्वी ने रोहिणी से कहा कि तुम्हारे ही कारण चुनाव हार गए. तुम्हारा हाय लग गया हम लोगों को. इसी बहस के दौरान गुस्से मे तेजस्वी ने बड़ी बहन रोहिणी की तरफ चप्पल भी फेंकी और गालियां भी दी. चुनाव की घोषणा से पहले रोहिणी के नाराज होकर सिंगापुर लौटने के बाद राघोपुर में चुनाव प्रचार के लिए खुद तेजस्वी ने रोहिणी को बुलाया था.
लालू के परिवार में कब पड़ी फूट
लालू परिवार के अंदर की ये कलह कोई नई नहीं है. सूत्रों की मानें तो परिवार के अंदर फूट के बीच लोकसभा चुनाव के ठीक पहले से ही पड़ना शुरू हो गया था. इसकी शुरुआत तब हुई थी जब डेढ़ साल पहले से ही रोहिणी को लेकर संजय यादव की राय बदल गई थी. संजय यादव ने रोहिणी को तेजस्वी के राजनीतिक भविष्य के लिए खतरा बताना शुरू कर दिया. रोहिणी को पॉलिटिक्स छोड़ने की सलाह दी जाने लगी. कई बार रोहिणी को अपमानित किया गया. रोहिणी के करीबी सूत्रों के अनुसार रोहिणी को सारण से चुनाव हराने की कोशिश भी की गयी. इसमें लालू परिवार के एक करीबी एमएलसी को भी साथ लिया गया. ये एमएलसी खुद भी सारण से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते थे. रोहिणी के चुनाव हारने के बाद रोहिणी का साथ नहीं देने वाले दो विधायकों को लेकर रोहिणी की नाराजगी रही बावजूद विधानसभा चुनाव में दोनों नेता को टिकट दे दिया गया.