मुरादाबाद बिलारी सामाजिक आश्रय मानव सेवा संस्थान ने 8 साल से बिछड़े हुए बुजुर्ग को परिवार से मिलाया परिवार बिहार से लेने आया
सामाजिक आश्रय मानव सेवा संस्थान ग्वार खेड़ा (बेसहारा एवं लावारिस बुजुर्गों के लिए समर्पित संस्था ) ने परिवार से बिछड़े हुए बुजुर्ग जिनका नाम ओंकार सिंह कुशवाह हाजीपुर जिला महिंदवाड़ा गांव के रहने वाले बुजुर्ग 8 साल पहले गंगा स्नान को गए हरिद्वार से पत्नी से बिछड़ गए और 8 साल तक इधर-उधर भटकते रहे किसी होटल में काम किया तो उसने पैसे नहीं दिए और चोरी का इल्जाम लगा कर उनको वहां से भगा दिया पैसे न होने के कारण रेलवे स्टेशन पर टिकट भी नहीं मिल पाया और किसी ने बोल दिया कि अगर बगैर टिकट पकड़े गए तो जेल में डाल दिए जाओगे इसी वजह से अनेक शहरों में भटकते ही रहे 1 जनवरी को नगर निगम मुरादाबाद द्वारा इन बुजुर्ग को वृद्ध आश्रम ग्वार खेड़ा भेजा गया और यहां पर रहने लगे बाद में उन्होंने बताया किए बिहार के रहने वाले हैं और अपने परिवार से बिछड़ गए तभी संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष रोहन समाजिक ने इनके परिवार से मिलाने के लिए बिहार में रह रहे एक साथी सागर सिंह से बात की कि हमारे यहां पर एक बुजुर्ग जो कि 8 साल पहले बिछड़ गए अपने परिवार से वह आश्रम में रह रहे हैं उनका पता लगाओ तब उन बुजुर्ग ने हमारे साथी से बात की कि मैं इस पते का रहने वाला हूं मेरे परिवार वाले ढूंढ रहे हैं मेरे परिवार को संपर्क कर उनको बताओ कि मैं यहां पर हूं तभी हमारे साथी सागर सिंह ने नेट से सर्च कर इनके ग्राम प्रधान से बात कर सूचना दी तभी इनके परिवार वाले इनके बारे में जान पाए यह बिलारी के ग्वार खेड़ा आश्रम में रह रहे हैं और फोन पर बात हुई तब उनके परिवार वाले बहुत ही प्रसन्न हुए और उनके बेटे गजेंद्र ने यही कहा कि हम लोग तो ढूंढते ढूंढते हार गए हम तो यह समझे थे कि हमारे पिताजी इस दुनिया में नहीं है और हम निरंतर वैसे ढूंढने का प्रयास भी कर रहे थे जब भी जाते थे हरिद्वार ढूंढते थे हमारे घर से कोई रिलेशन में जाता था तब भी ढूंढते थे परेशानी हालत बहुत हो गई थी हम ढूंढते ढूंढते नर्वस हो चुके थे उनके बेटे गजेंद्र ने यही बताया कि यह दिमाग से वो सीधे हैं इसीलिए यह भटक गए और 8 साल तक इसी तरह पता नहीं कहां-कहां परेशानियों में भटके और संस्था को बधाई दी कि सामाजिक आश्रय मानव सेवा संस्थान के द्वारा हमारे पिताजी हमें प्राप्त हुए हम संस्था को धन्यवाद देते हैं कि जिसने हमारे पिताजी को अच्छी तरह आश्रय में शरण दी उनको भोजन पानी इलाज हर तरह की सुविधा मुहैया कराई हम को मिलाया हम तक पहुंचाया संस्था इसी तरह लोगों को मिलाने का काम करती रहे और जैसे ही इनके परिवार के लोग आश्रय पर आए पत्नी बेटे बेटियां सभी इन बुजुर्ग से लिपट कर रोने लगे
संस्था को जमीन दान देने वाले पूरन मौर्य सामाजिक ने फूल माला पहन कर विदा किया और बहुत ही गौरवान्वित अपने आपको महसूस किया कि मेरे द्वारा दी जमीन वास्तव में ही लोगों के जीवन को सुरक्षित करने में आ रही है यह मेरा सौभाग्य है इस कार्य को करने में मैं सफल हुआ मेरा जीवन इसी तरह लोगों की सेवा एवं जनहित में ही बीतेगा यह मेरा प्राण है इस मौके पर अधिवक्ता राजू गुप्ता एडवोकेट द्वारा तहसील जाकर कागजी कार्यवाही को पूरा करा कर सुपुर्दनामा तैयार कराया विकास गुप्ता एडवोकेट निखिल पांडे एवं काफी लोगों ने इस कार्य को सराहा औरअच्छी दिशा में इस पहल को बताया..?.?....
रिपोर्ट वारिस पाशा जनता की आवाज से बिलारी मुरादाबाद