जे एन यू कि असीमित सकारात्मक शैक्षणिक ऊर्जा का देशहित में उपयोग हो -डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला
गोरखपुर- आज दिनांक 9 जनवरी को राजीव गांधी स्टडी सर्किल , गोरखपुर की एक आपात बैठक राहुल पार्क , कूड़ाघाट ,गोरखपुर में सम्पन्न हुई।बैठक को संबोधित करते हुए डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला ,जिला समन्वयक , राजीव गांधी स्टडी सर्किल , गोरखपुर ने कहा कि नव अतिवादी विचारधारा ने भारत के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान जे एन यू , नई दिल्ली की वैश्विक छवि को नष्ट करने की बीड़ा ही उठा ली है । मैं स्वयं जे एन यू का विद्यार्थी रहा हूँ।विगत दिनों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के साथ क्षुद्र राजनैतिक उद्देश्यों के चलते जो खिलवाड़ किया जा रहा है वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ अधकचरे तथ्यों के दम पर कुत्सित धारणाओं का निर्माण किया जा रहा है जो ना सिर्फ JNU बल्कि देश में उच्च शिक्षा,मुक्त चिंतन और मानवीय मूल्यों के भविष्य के लिहाज से सही नहीं लगता! JNU भारत की एक महान धरोहर है जहां स्वतन्त्र चिंतन और आवश्यकता पड़ने पर धारा के विरुद्ध खड़े हो सकने के सामर्थ्य सिखाया जाता है। यही बाय कुछ लोगों के गले की फांस बनी हुई है। JNU ने देश को अब तक ना जाने कितने अनमोल धरोहर दिए हैं जिन्होंने अपने अपने कार्यक्षेत्रों में देश की अमूल्य सेवा की है!
वर्तमान सरकार में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जेएनयू से है। देश की सर्वोच्च नीति निर्माण संस्था नीति आयोग जो कि पूरे देश के लिए योजना निर्माण में सबसे बड़ी संस्था हैं, उसके सीईओ अमिताभ कांत, जेएनयू से हैं। स्वामी विवेकानंद फॉउंडेशन जो कि देश का इस समय सबसे जाना माना थिंक टैंक है ,उसके वर्तमान अध्यक्ष जेएनयू से अरविंद गुप्ता हैं जो इसके पहले भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार थे। है। जेएनयू को राष्ट्रपति से बेस्ट यूनिवर्सिटी का विशेष अवार्ड मिला हैं तो वैंकेया नायडू जी ने इसे एक्सीलेंस का पर्याय बताया है। भारत सरकार द्वारा लगातार इसे सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज़ में कभी पहले, कभी दूसरे तो कभी तीसरे पायदान पर रखती है।
देश का नव अतिवादी वर्ग जेएनयू का पर्याय बनाये जा रहे कन्हैया कुमार, अफजल और उमर खालिद पर फोकस करता है लेकिन नक्सल से लडऩे वाले आईपीएस संजुक्ता पराशर, देश के किसी भी राज्य के सीएम की पहली महिला सुरक्षा अधिकारी आईपीएस (असम मुख्यमंत्री) सुभाषिनी शंकर का नाम नही बताता है। आईएएस प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी से मास्टर इन पब्लिक मैनेजमेंट की डिग्री देश के सारे आईएएस अधिकारियों को जेएनयू से मिलता है, साथ ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी वालो को डिग्री भी जेएनयू से ही मिलता है। पूर्व आईबी चीफ पश्चिम एशिया में काउंटर टेररिज़्म इंवॉय सैयद आसिफ इब्राहिम, हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अली रज़ा रिज़वी जैसे जेएनयू से पढ़े मुस्लिम अधिकारियों को भी जानना चाहिए।
आतंकवादी कसाब को फांसी दिलाने वाले चले अभियान 'ऑपरेशन एक्स ' के प्रणेता और महाराष्ट्र के पूर्व एडिशनल चीफ सचिव अमिताभ राजन जो कि जेएनयू से सोशियोलॉजी में पीएचडी हैं। नीदरलैंड के राजदूत वेणु राजमोनी, कोमोरोस के राजदूत अभय कुमार समेत 15 से ऊपर देशों के राजदूत, उच्च इंवॉय जेएनयू से हैं। हाल ही में नोबेल जैसे दुनिया के अतिप्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय अभिजीत बनर्जी भी जेएनयू से थे। वर्ल्ड बैंक के अर्थ विशेषज्ञ रंजीत नायक, नाबार्ड के पूर्व निर्देशक, आरबीआई के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर हारून रशीद खान जैसे अर्थ विशेषज्ञ जेएनयू से है। जेएनयू का अकादमी योगदान इस बात से जाना जा सकता है कि इतिहास, समाजविज्ञान, भाषा, साहित्य संस्कृति, विदेश नीति के ढेर सारे लेखक एवं विशेषज्ञ जिनकी किताबे न सिर्फ भारत के विश्वविद्यालयों में बल्कि यूपीएससी की परीक्षाओं के लिए भी पढ़े जाते हैं।
जेएनयू ने पिछले दस सालों में कई अवार्ड अपने नाम किये हैं। जैसे अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2019 ,प्रो एल रामनाथन को हियोशी अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार 2019, प्रोफेसर दिनेश मोहन को क्लेरिएटिव एनालिटिक्स इंडिया रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड 2019, प्रोफेसर एन जे राजू को नेशनल जिय़ो साइंस अवार्ड 2019, किसी भी साहित्यकार को रूसी भाषा एवं साहित्य पर काम करने के लिए रूस का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अवार्ड पुश्किन मेडल जेएनयू की प्रोफेसर मीता नारायण को मिला। डॉ दीपक गौर को 2017 का देश मे विज्ञान क्षेत्र का सबसे बड़ा अवार्ड शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
प्रोफेसर ऊमु सलमा बावा को यूरोपियन कमीशन का प्रतिष्ठित अवार्ड मिलात्र. प्रोफेसर गिरीश नाथ झा को संस्कृत भाषा के लिए अति प्रसिद्ध दत्त पीठ अस्थाना अवार्ड, शोधार्थी स्नेहा राय को अमेरिका में कार्ल स्टॉर्म इंटरनेशनल डाइवर्सिटी अवार्ड और अमेरिका की प्रोटीन सोसायटी ट्रेवल अवार्ड जो कि मॉन्ट्रियल कनाडा में दिया गया। डॉक्टर ज्योति अटवाल (इतिहास विभाग जेएनयू) को आयरलैंड में जेंडर और ट्रांसनेशनल हिस्ट्री पढ़ाने हेतु पांच साल के लिए नियुक्ति ,प्रोफेसर दिनेश मोहन मिसिसिपी, अमेरिका में तीन साल के लिए सहायक प्रोफेसर नियुक्त हुए हैं। डॉक्टर सुनील कठेरिया को इनोवेटिव यंग बायोटेक्नोलॉजिस्ट अवार्ड मिला है।
समय है कि अनर्गल प्रलाप से परे होकर जे एन यू , कि इस असीमित सकारात्मक शैक्षणिक ऊर्जा का देशहित में उपयोग करना ही हमारा दृष्टिकोण होना चाहिए।
बैठक में डॉ सत्यवान यादव, डॉ धीरेंद्र राय , डॉ मुस्तफा, डॉ गंगेश पाण्डे, श्री गरगांश ब्राह्मण, इशनशी , उपस्थित रहे।
डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला