बुलंदशहर के बाद नोएडा में सस्पेंड हुए वैभव कृष्ण

Update: 2020-01-09 11:34 GMT

नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा एसएसपी प्रकरण में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह व मुख्य सचिव गृह को बुलाकर गहरी नाराजगी जताते हुए यह कार्रवाई की है। मामले में डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी प्रेस कांफ्रेस भी कर सकते हैं।

• आईपीएस वैभव कृष्ण, एसएसपी नोएडा के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने की बड़ी कार्रवाई, सस्पेंड किए गए एसएसपी नोएडा

• एक महिला से चैट की वायरल वीडियो की गुजरात के फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही सस्पेंड हुए वैभव कृष्णा

• फोरेंसिव लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाई गई जिसे वैभव कृष्णा ने बताया था फर्जी

• फोरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो एडिटेड और मार्फ्ड नहीं था (No sign of Edit, alteration medication, morphing was observed in this video)

• वैभव ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद कराई थी एफआईआर, मेरठ के एडीजी और आईजी को दी गई थी जांच

• जांच के दौरान आईजी ने फोरेंसिक लैब को भेजा था वीडियो

• वैभव ने पत्रकार वार्ता खुद बुलाकर दी जी जानकारी, और पत्रकार वार्ता में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को कर दिया था लीक

• अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किये जाने के कारण सस्पेंड हुए वैभव कृष्णा

• वैभव कृष्णा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी, लखनऊ के एडीजी एसएन साबत करेंगे जांच, जल्द से जल्द देनी होगी रिपोर्ट

बता दें कि नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वायरल अश्लील वीडियो और पांच आईपीएस अफसरों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में शासन स्तर पर बुधवार को भी फैसला नहीं किया जा सका था। उम्मीद की जा रही थी कि डीजीपी ओम प्रकाश सिंह के लखनऊ लौटने के बाद इस पर अंतिम निर्णय हो जाएगा, लेकिन अधिकारियों के बीच मंथन के बाद भी निर्णय नहीं हो सका। जिस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी और मुख्य सचिव गृह को बुलाकर जानकारी ली और कार्रवाई का निर्देश दिया।

डीजीपी ने 24 घंटे में मांगा था स्पष्टीकरण

यह पूरा प्रकरण प्रकाश में आने के बाद डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और गोपनीय पत्र को सार्वजनिक करने को पुलिस सेवा नियमावली का उल्लंघन करार दिया था। उन्होंने आईजी मेरठ के जरिए इस मामले में नोएडा के एसएसपी से 24 घंटे में स्पष्टीकरण भी मांगा था, लेकिन चार दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई। गृह विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि इस प्रकरण में अंतिम निर्णय क्या होगा, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे।

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