हुआ शर्मसार ।
पुन: एक बार ।।
फिर एक दामिनी ।
से हुआ बलात्कार ।।
पंचर के बहाने ।
बनाया निशाना ।।
मदद की आशा ।
दे दिया झांसा ।।
कर के गुनाह ।
दिया जला ।।
जो भी है गुनहगार ।
बच न पाये इस बार ।।
हो गयी हैं अति ।
रोकनी होगी गति ।।
आखिर बेटियाँ ।
कब होगी महफ़ूज ?
चीख-चीख कर ।
रहीं हैं पूछ ।।