बलरामपुर गार्डन में 22वां पुस्तक मेला : दूसरा दिन- नयी किताबों में है किस कहानी और माटी की गंध

Update: 2025-09-05 13:29 GMT


चल पड़ा विमोचन और परिचर्चा का दौर

लखनऊ, 5 सितंबर। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में कल से प्रारम्भ 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आज अवकाश के दिन पुस्तक प्रेमियों की अच्छी तादाद पुस्तकों को टटोलती दिखी।

राजपाल एण्ड संस की एकदम नयी कृतियों में विष्णु नागर की व्यंग्य पुस्तक आदमी की पूंछ, आदिवासी समाज पर केन्द्रित हरिराम मीणा की जल जंगल जमीन और जयंती रंगनाथन की मिडिल क्लास मंचूरियन खूब पसंद की जा रही है।

इस वर्ष 250 से ज़्यादा पुस्तक प्रकाशित करने वाले वाणी प्रकाशन के स्टाल में लोकगायिका मालिनी अवस्थी की स्मृति कथाओं पर आधारित पुस्तक चंदन किवाड़ में लोक की मिट्टी की गंध है। बालेन्दु द्विवेदी की किस्सागोई के अंदाज़ से लिखी पुस्तक बादशाह सलामत हाजिर हों...! नवाबी दौर की पड़ताल करती है। मुगलकालीन हिंदी साहित्यिक परिवेश पर एलिसन बुश की किताब केसव सुनहु प्रवीन का रेयाजुल हक द्वारा किया गया अनुवाद और महत्वपूर्ण है। प्रकाशन संस्थान के प्रमोद भार्गव की औपन्यासिक कृति आर्यावर्त के संग संजना कौल द्वारा अनुवादित ऐतिहासिक आत्मकथा तक दस्तावेज आपबीती तैमूरलंग और पाब्लो नेरुदा के हिंदी अनुवाद पसंद किये जा रहे हैं। नई किताबें इस बार पुस्तक मेले में खूब हैं।

आज के कार्यक्रमों में कृति और कृतिकार के तत्वावधान में डा. रायबहादुर मिश्र की अध्यक्षता में डा.रिंकी की किताब हिंदी साहित्य एवं विविध विमर्श का विमोचन हुआ। साथ चली चर्चा में महेन्द्र भीष्म, डा.विद्यासागर उपाध्याय, सौरभ चतुर्वेदी, अशोक चौधरी, उदयभान पाण्डेय, डा.सत्या सिंह, डा.करुणा पाण्डे, राजीव वर्मा वत्सल आदि ने प्रतिभाग किया। मेधा विकास समिति के महाकवि श्याम नारायण पाण्डेय और राष्ट्रीय चेतना विषयक विमर्श कार्यक्रम में राज्य ललित कला अकादमी उपाध्यक्ष गिरीशचंद्र मिश्र, दिनेश चंद्र अवस्थी, पद्म कांत शर्मा, राजेश राय, राकेश पाण्डे, दिवाकर, प्रभंजन, सौम्या मिश्रा, शिवानी पाल आदि की उपस्थिति में वीर रस के युवा कवि अटल नारायण प्रयाग रवि रुद्रांश अवस्थी बाराबंकी और संदीप सिंह अनुरागी बाराबंकी को वाचिक परंपरा तथा प्रशांत दीक्षित को समाजसेवा की उत्कृष्ट सेवाओं के लिया श्याम नारायण पाण्डेय सम्मान से विभूषित किया गया।

रामायण और महाभारत पर आधारित विश्लेषणात्मक पुस्तक रचने वाले डा.राहुल मिश्रा ने अपने रचनाकर्म पर कहा कि लगातार प्रयत्न, सकारात्मक सोच और सामयिक प्रबंधन ही लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं। राजीव और संजीव जैसे अन्य वक्ताओं ने भी विचार रखते हुए कहा कि डा.राहुल ने नये ढंग से दोनों पौराणिक ग्रंथों के माध्यम से व्यक्तित्व विकास, प्रबंधन जैसे पहलुओं को उकेरा है।

सुबह कार्यक्रमों की शुरुआत विश्वम फाउंडेशन के कार्यक्रम में युवा उद्यमी सिद्धार्थ और दिव्यांशु शुक्ल द्वारा अपने पर्यावरण सम्बंधित स्टार्टअप बताने से हुई। शाम को सुंदरम की काव्य गोष्ठी में सम्मानित हुई प्रो.बलवंत सिंह व रश्मि लहर के साथ नरेन्द्र भूषण, ओम् नीरव, हरिमोहन माधव बाजपेयी, अवधी हरि, मनु बाजपेयी आदि ने रचनाएं पढ़ीं।

निःशुल्क प्रवेश और 14 सितंबर तक रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले मेले में खरीदी गई हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

पुस्तक मेले के सहयोगी संस्थान यूपी मेट्रो, रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हैंड्स फाउंडेशन, लोकआंगन और विश्वम् फाउंडेशन्स हैं।

 कार्यक्रम 6 सितंबर

पूर्वाह्न 11:00 बजे नवसृजन संस्था का काव्य समारोह

अपराह्न 2:00 बजे नवपल्लव बुक्स की ओर से पुस्तक विमोचन

अपराह्न 3:30 बजे मेधा विकास परिषद का पुस्तक चर्चा कार्यक्रम

शाम 5:00 बजे रचनाकार ऋतित्व आर्यन से बातचीत

शाम 7:00 बजे गोपाल चतुर्वेदी स्मृति समारोह

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