खनन घोटाला: सीबीआई का सपा सरकार में सीएम कार्यालय से हुए 14 पट्टों पर मुख्य फोकस
हमीरपुर. खनन घोटाले की जांच करने पहुंची सीबीआई टीम ने चौथे दिन में जांच जारी रखी. जानकारी के अनुसार सीबीआई की नजर अब अधिकारियों के साथ सफेदपोश लोगों की ओर टेढ़ी हो रही है. इसी क्रम में पता चला है कि सपा सरकार में खनिज मंत्री रहे गायत्री प्रजापति से सीबीआई पूछताछ कर सकती है क्योंकि गायत्री के ही कार्यकाल में सबसे ज्यादा मौरंग खनन के पट्टे हुये थे. सीबीआई ने जिन 14 मौरंग के पट्टों को अवैध खनन का आधार बनाकर 11 लोगो पर एफआईआर दर्ज करवाई है, वे पट्टे सपा सरकार के दौरान हुए थे. पता चला है कि सीएम कार्यालय से ही 14 मौरंग पट्टों को चलाने की मंजूरी मिली थी.
हमीरपुर में अवैध खनन घोटाले की परतें लगातार खुलती जा रही है. इसमें शामिल नेता और अधिकारी भी फंसते नजर आ रहे हैं. पिछले तीन दिनों में सीबीआई ने खनिज विभाग में तो छापेमारी की ही साथ ही डीएम और एडीएम से पूँछताछ भी की. पिछले दिन सुबह से ही खनिज विभाग के मौरंग माफियाओ में हलचल तेज रही.
सपा एमएलसी से 5 घंटे पूछताछ
दोपहर बाद सपा एमएलसी रमेश मिश्रा ने अपने भाई दिनेश मिश्र के साथ सीबीआई कैम्प में पेश हुये. सीबीआई ने उनसे लगभग 5 घंटे तक पूछताछ की. रमेश मिश्रा सपा शासन में बड़े खनन व्यापारी थे, जिनके नाम आईएस बी चन्द्रकला ने सबसे ज्यादा मौरंग खनन के लिए पट्टे किये थे. शाम होते-होते सीबीआई सदर कोतवाली भी पहुंची, जहां से सपा शासनकाल में मौरंग खनन और ट्रको में ओवर लोडिंग के दौरान की गयी कार्यवाही के दस्तावेज इकठ्ठे किये.
कोतवाली ने निकल कर सीबीआई फिर एक बार डीएम ऑफिस पहुंची, वंहा स्टेनो बाबू विनय से मिली और वहां से भी जरूरी कागज लेकर कैम्प कार्यालय निकल गयी. ये सिलसिला देर शाम तक चला. आज सीबीआई ने वनविभाग के कार्यलाय में छापेमारी करते हुए डीएफओ नागेन्द्र सिंह से पूछतांछ करते हुए कुछ कागजात कब्जे में लिए हैं. कहा जा रहा है कि 2014 में कुछ मौरंग के पट्टे वनविभाग की जमीन में जबरन अवैध खनन का काम किया गया था.
ये है पूरा मामला
वही सरीला तहसील के निवासी विजय बहादुर ने बताया कि सीबीआई ने उनको बयान के लिए बुलाया था. जो उनके 25 बीघे के जमीन में खनन माफ़ियायों ने अवैध खनन कर लिया था, तब उन्होंने 2016 में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. सपा शासन काल में हुए 900 करोड़ के खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पूर्व आईएएस बी चंद्रकला समेत सपा एमएलसी रमेश मिश्र, दिनेश मिश्रा, अम्बिका तिवारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, सत्यदेव दीक्षित, राम अवतार राजपूत, खनन अधिकारी मुनुद्दीन, खनिज लिपिक राम आसरे प्रजापति सहित 11 लोगो को मुख्य आरोपी बनाया है. कुल 63 लोगों को इसमें वादी बनाया था. इस बार फिर उसने 78 खनन कार्य से जुड़े लोगो को नोटिस दिया है और उन्हें अपने समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं.
बता दें जुलाई 2012 के बाद जिले में 62 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे. ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टे देने का प्रावधान था. जिलाधिकारी पद पर रहते हुए सारे प्रावधानों की अनदेखी कर तत्कालीन जिलाधिकारी बी चन्द्रकला ने रमेश मिश्रा के साथ मिलकर जिले में जमकर अवैध खनन करवाया था. जिसके बाद 2015 में मौरंग के अवैध खनन पर HC में एक जनहित याचिका दायर हुई थी. इसके बाद 16 अक्टूबर 2015 को HC ने सभी खनन पट्टे अवैध घोषित कर दिया था. जिसके बाद भी अवैध खनन का यह काला कारोबार जरी रहा. अब फिर सीबीआई ने यहां पहुंचकर अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. लेकिन सूत्रों की माने तो सीबीआई ने जिन मौरंग के पट्टो को आधार बनाकर 11 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, वो सपा सरकार बनते ही हुए थे.
वहीं इस मामले में दूसरे याचिकर्ता विजय दिवेदी अधिवक्ता ने बताया कि अब सीबीआई का मुख्य फोकस सपा सरकार के बनते ही 14 पट्टों पर आधार बनाया है, जिसमें उस समय के अधिकारी व सफेदपोश नेता फसेंगे.