श्री लालसाहब दरबार के पूर्वाचार्य महन्त जानकी जीवन शरण व महन्त रामकृपाल शरण महाराज काे पुण्यतिथि पर याद किया गया
अयाेध्या(सं)। कनक भवन परिसर स्थित प्रसिद्ध पीठ श्री लालसाहब दरबार के पूर्वाचार्य महन्त जानकी जीवन शरण व महन्त रामकृपाल शरण महाराज काे पुण्यतिथि पर शिद्दत से याद किया गया। इस अवसर पर रविवार को मन्दिर परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयाेजन हुआ, जिसमें अयाेध्यानगरी के सन्त-धर्माचार्याें ने साकेतवासी महन्ताें के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही साथ उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। इस माैके पर लालसाहब दरबार के वर्तमान महन्त जानकी शरण महाराज ने कहाकि पूर्वाचार्य महन्ताें का रामनगरी में अपना एक विशिष्ट स्थान था। सभी लोग उनका आदरपूर्वक सम्मान करते रहे हैं। विद्वता में उनकाे महारथ हासिल था। वह भजनानंदी संत रहे, हमेशा भजन-साधना में तल्लीन रहा करते थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में मन्दिर सर्वांगीण विकास किया। यहां पर गाै, सन्त, विद्यार्थी व आगन्तुकाें की सेवा प्रारम्भ से ही हाेते हुए चली आ रही। मैं अपने पूर्वाचार्याें की कही बाताें और बतलाए हुए मार्ग का बराबर अनुसरण कर रहा हूं।पुण्यतिथि पर विशाल भण्डारा प्रस्तावित रहा, जिसमें हजाराें की संख्या में सन्त-धर्माचार्याें व भक्तगणाें ने प्रसाद पाया। अन्त में पीठ के अधिकारी रामनरेश शरण महाराज ने अाए हुए सन्त-धर्माचार्याें का स्वागत-सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से वेद मन्दिर के महन्त रामनरेश दास, महन्त रामकुमार दास, महन्त शशिकान्त दास, झारखण्ड हाइकाेर्ट के सीनियर अधिवक्ता प्रेम चन्द त्रिपाठी, महन्त संतगाेपाल दास, महन्त उद्धव शरण, महन्त ज्ञानदास महाराज के शिष्य हेमन्त दास, महन्त हनुमान दास, नागा हरीदास, महन्त गिरीश दास, महन्त राजबहादुर शरण, श्रीरामाश्रम के उत्तराधिकारी महन्त जयराम दास, महन्त रामेश्वर दास, राष्ट्रीय पहलवान केशव दास, महन्त सच्चिदानंद दास, महन्त उत्तम दास त्यागी, संत नारायण दास, संतदास आदि सन्त-महन्त व भक्तगण उपस्थित रहे।